दोआबा को ओडीएफ घोषित करने में पंचायतीराज विभाग के कर्मचारी ही अड़ंगा लगा रहे हैं। वह मॉर्निंग फ ॉलोअप में पहुंचने से कतरा रहे हैं। सुबह भी 32 सेक्रेटरी और वीडीओ शौचालयों की जांच के लिए अफ सरों के साथ नहीं पहुंचे। कर्मचारियों की लापरवाही से खफ ा डीपीआरओ ने उनके एक दिन की पगार काट दी।
शासन ने कौशा बी को 31 दिस बर तक पूर्णरूप से ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य दिया है। डीपीआरओ समेत अन्य जिलास्तरीय
अफ सरों को शौचालय सत्यापन यानि की मॉर्निंग फ ॉलोअप के लिए प्रतिदिन जा रहे हैं। गांव में पहुंचकर शौचालय का सत्यापन किया ही जा रहा है। इसके अलावा निर्माण कार्य की गुणवत्ता भी परखी जा रही है। सुबह पांच बजे ही जिले के 32 गांवों में मॉर्निंग फ ॉलोअप के लिए सेक्रेटरी और वीडीओ को पहुंचना था। अफ सर तो स बंधित गांव पहुंच गए लेकिन एक भी पंचायत सचिव गांव नहीं पहुंचे। उनकी उपस्थिति के बारे में पंचायतीराज विभाग के वार रूम से कर्मचारियों ने फ ोन के माध्यम से जानकारी गई तो कर्मचारियों के गैरहाजिर रहने की जानकारी मिली। नाराज डीपीआरओ कमल किशोर ने नदारद कर्मचारियों का वेतन काट दिया। दोबारा अनुपस्थित रहने पर कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का निर्देश दिया है।




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