हम अपने उपयोग के लिए भू-जल का अंधाधुंध उपयोग कर रहे हैं किन्तु उसके पुनर्भरण के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। आज कल मेंढक व कई अन्य जीव विलुप्त होने को हैं, इससे आहार श्रंखला छिन्न भिन्न होगी, जैव विविधता संकट में पद जाएगी।
उक्त विचार स्थानीय एसपीएमआईटी में चल रही तीन दिवसीय राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस के दूसरे दिन प्रदेश भर से आये हुए बाल विज्ञानियों ने अपने लघु शोध पत्रों में प्रस्तुत किये। कानपुर नगर की पायल कन्नौजिया ने गोभी की फ सल में रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर नीम व त बाखू से बने कीटनाशकों का परिक्षण किया और पाया की उससे हानिकारक कीट मर गए हैं जबकि लाभकारी कीट सुरक्षित हैं।
जौनपुर के अनूप सिंह ने गेहूं के छोटे-छोटे पौधों ज्वार के उपयोग से हीमोग्लोबिन में वृद्धि करने का परिक्षण किया और बड़े सकारात्मक परिणाम निकले। इसी प्रकार सभी उपथित 284 बाल विज्ञानी समूहों ने सतत विकास के लिए विज्ञानं, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, मु य विषय के अंतर्गत प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, खाद्य सामग्री एवं कृषि, ऊर्जा, स्वास्थ्य, साफ-सफ ाई एवं पोषण हमारी जीवन शैली एवं आजीविका, आपदा प्रबंधन एवं पार परिक ज्ञान प्रणाली 7 उपविषयों के आधार पर अपने लघु शोध पत्र प्रस्तुत किये। सभी बाल विज्ञानियों ने अपने अपने क्षेत्रों, जिलों व कार्यक्षेत्रों में उक्त उपविषयों के आधार पर गतिविधियों का चयन करके विज्ञानं विधि अपना कर अध्धयन किया था।
बाल विज्ञानियों के साथ पधारे शिक्षकों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमे लिवरपूल जॉन मोर यूनिवर्सिटी यूनाइटेड किंगडम से पधारे प्रोफेसर डेविड हार्वर एवं यूपी टेक् के निदेशक प्रोफेसर के के भूटानी ने राज्य भर से आये शिक्षकों को अभिनव जानकारियां दी। उन्होंने बताया की हम सूक्षम से सूक्ष्तम की और बड़े रहे है, माइक्रो व नैनो के बाद अब क्वांटम का युग आने वाला है। उन्होंने बताया की विज्ञानं तो सैदव सृजन करता है किसी को मारता नहीं है। विज्ञान का उपयोगकर्ता उसका गलत उपयोग करके विध्वंसक बन बैठता है।
इस अवसर पर राज्य आयोजन समिति के महासचिव प्रमोद कुमार पांडेय ने प्रदेश के जिला समन्वयकों की बैठक में मांग की गयी की जिला समन्वयक व अन्य प्रशाशनिक अधिकारी बाल विज्ञान कांग्रेस में सहयोगी रवैया अपनाएँ ताकि इसकी व्यापकता को और बढ़ाया जा सके। राज्य आयोजन समिति के महासचिव प्रमोद कुमार पांडेय ने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्र यात वैज्ञानिक प्रो. यशपाल के स्मृति में वसीम अहमद जिला समन्वयक, डॉ. एसके सिंह राज्य समन्वयक, डॉ चंद्र कला सिंह जौनपुर ,राहुल माथुर कानपूर तथा अनिल त्रिपाठी देवरिया को रजत जयंती स मान पत्र प्रदान किये।
प्रोजेक्ट प्रस्तुतीकरण के पश्चात बाल विज्ञानियों की पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। मूल्याकन प्रक्रिया में राज्य अकादमिक समन्वयक डॉ. सतीश चंद्र एवं डॉ. टीवी यादव के नेतृत्व में विभिन्न विषयों के 25 विशेषज्ञों की टीम जुटी हुई है।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए जिला समन्वयक वसीम अहमद ने बताया की तीसरे दिन समापन सत्र में बाल विज्ञानियों, शिक्षकों विज्ञानं संचारकों, निर्णायकों को स मानित किया जायेगा तथा 27 से 31 दिसंबर को अहमदाबाद में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्तर की राष्ट्रीय बाल विज्ञानं के लिए 42 बाल विज्ञानी समूहों का चयन किया जायेगा।




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