इलाहाबाद । मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन भी चौकन्ना हो गया है।
इविवि में नव प्रवेशी छात्रों की रैगिंग न हो सके, इसके लिए प्रॉक्टर प्रो. रामसेवक दुबे ने संकाय के अनुसार प्रॉक्टोरियल बोर्ड और एंटी रैगिंग दस्ते का गठन किया है। इसके अलावा प्रॉक्टर ने इविवि के आईटी सेल प्रभारी से नए छात्रों की सुविधा के लिए प्रॉक्टोरियल बोर्ड और एंटी रैगिंग दस्ते के सदस्यों के नाम और उनके मोबाइल नंबर वेबसाइट पर अपडेट करने को कहा है।
प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे का कहना है कि परिसर में छात्रों की सुरक्षा के प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य घूमते रहते हैं। छात्रों को किसी प्रकार की समस्या हो तो इसकी तत्काल शिकायत उनसे की जा सकती है। प्रॉक्टर ने सीनियर छात्रों को आगाह किया है कि वे नव प्रवेशी छात्रों के साथ किसी भी प्रकार की परेशानी न खड़ी करें। रैगिंग का दोषी पाए जाने पर यूजीसी के नियमों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रॉक्टर की ओर से तीनों संकायों कला, विज्ञान, कामर्स-लॉ और महिला परिसर के लिए अलग-अलग टीम का गठन किया गया है।
कला संकाय : प्रो. आरएस दुबे-प्रॉक्टर, प्रो. धनंजय यादव, डॉ. संजय श्रीवास्तव, डॉ. अश्वजीत चौधरी, डॉ. शैलेंद्र कुमार मिश्र, डॉ. राकेश सिंह, डॉ. सुजीत कुमार सिंह, डॉ. विनम्र सेन एवं डॉ. गजौला राजू शामिल हैं।
विज्ञान संकाय : डॉ. केएन उत्तम, डॉ. आरके आनंदन, डॉ. ज्ञान चंद्र यादव, डॉ. दिनेश यादव, डॉ. अविनाश कुमार चतुर्वेदी, डॉ. महेंद्र तिवारी, डॉ. शैलेंद्र राय, डॉ. प्रियंका केसरवानी शामिल हैं।
वाणिज्य-विधि संकाय : डॉ.आरके सिंह, प्रो. आरएस सिंह(डिप्टी प्रॉक्टर), डॉ. अंशुमान मिश्र, अभिषेक कुमार, डॉ. सोनल शंकर, डॉ. अर्चना सिंह शामिल हैं।
महिला परिसर: प्रो. शबनम हमीद, प्रो. अर्चना चहल (डिप्टी प्रॉक्टर), डॉ. लालसा यादव, डॉ. सरोज यादव (डिप्टी प्रॉक्टर), डॉ. ज्योति मिश्रा, डॉ. पिंकी सैनी, डॉ. दीपशिखा सोनकर शामिल हैं।
प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर 23 सितंबर से चार अक्तूबर के बीच प्रस्तावित चुनाव के लिए पुलिस बल उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा है। अपने पत्र में प्रॉक्टर ने कहा कि परिसर में चुनाव लड़ने वाले छात्रों के साथ अपराधी किस्म के लोग परिसर में आ जाते हैं। उनकी जांच के लिए चुनाव के दौरान 10 से चार बजे के बीच पुलिस उपलब्ध करवाकर शांति व्यवस्था बनाए रखने में जिला प्रशासन से मांग की है।




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