इलाहाबाद । गंगा-यमुना में उफान के बाद मंगलवार को संगम क्षेत्र में 200 से अधिक दुकानदार, पुरोहितों ने अपने ठिकाने बदल लिए हैं। वहीं सभी तटीय रास्ते डूब गए हैं। संगम की ओर से किला मार्ग पर आवागमन बंद हो गया। देर शाम बड़े हनुमान मंदिर के गे लहरें पहुंच गईं थीं।
जलस्तर में बढ़ोतरी ऐसी ही जारी रही तो गंगा बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश कर जाएंगी। वहीं यहां के अधिकतर दुकानदारों ने वेणी बांध पर समान रख दिए हैं। पचासों परिवारों ने परेड ग्राउंड में शरण ली है। वहीं कानपुर से चार लाख क्यूसेक पानी फिर छोड़ा गया है।
उत्तराखंड, एमपी समेत अन्य पहाड़ी इलाकों में लगातार वर्षा के साथ हथिनीकुंड, नरौरा, ओखला, कानपुर बैराज से भारी पानी गंगा-यमुना में छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को गंगा-यमुना के जल स्तर में 2.30 सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से वृद्धि होती रही। रात आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 81.640 मीटर और छतनाग में 80.610 मीटर रिकार्ड किया गया। इसी तरह नैनी में यमुना का जलस्तर 81.370 मीटर पर पहुंच गया। इससे कछारी इलाकों में हड़कंप मच गया। बाढ़ प्रखंड के एक्सईएन मनोज कुमार सिंह के मुताबिक कानपुर बैराज से फिर 4.13 लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ दिया गया है।
बुधवार तक इसका असर रहेगा। उम्मीद है कि इसके बाद जलस्तर गिरे। उधर, कछारी इलाकों में भी खतरे की घंटी बज गई। बस्तियों में पानी तो अभी नहीं घुसा है, लेकिन सलोरी, बघाड़ा, दारागंज, बेली, चांदपुर के निचले इलाकों में रहने वाले कई परिवार सांसत में हैं।




Add Comment