प्रकाश पर्व पर जहां लक्ष्मी गणेश की विधि विधान से पूजा की जाती है। वहीं इस पर्व पर घर में उजाला करने के बजाये कुछ लोग भविष्य को अंधकार करने के लिए घर की जमा पूंजी दांव पर लगाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर फड़ बिछाने की पूरी कोशिश करके खलिहानो व बागो का चयन किया है।
कस्बो की बनिस्बत ग्रामीण क्षेत्र के बागो व जंगली इलाको में इस बार जुंआ खेलने के लिए संचालको ने व्यवस्था बनायी है। ऐसे इलाके पुलिस की नजरो से पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे। फड़ संचालको ने इसके लिए पूरी व्यवस्था तैयार कर ली है। फड़ से दूर बैठाकर लोगों को इस बात की ड्ïयूटी दी गयी है कि पुलिस को देखते ही वह फौरन फोन द्वारा सूचित कर दें। जिससे फड़ संचालक जुआडिय़ों को फौरन तितर-बितर कर दें। जुआंडिय़ों के लिए इस बार बड़े फड़ संचालको ने अपनी दो पहिया व चार पहिया को फड़ तक लाने के लिए मना कर दिया है। दूर अपने परिचित व गांव अलग-अलग जगह वाहनों को खड़ा करने की व्यवस्था की गयी है। इस बार सबसे ज्यादा फड़ यमुना और गंगा के किनारे बसे गांव में लगाये जाने की बात कही जा रही है। सूत्र यह भी बताते हैं कि फड़ संचालक अपनी फड़ को सफल बनाने के लिए पुलिस से भी जोड़-तोड़ कर रहे हैं। देखना यह है कि इस दीवाली को लोगों के भविष्य को प्रकाशित करती है या कि उनको अंधकार में डालती है। जागरुक लोग बताते है कि इस त्योहार में इस बात का अपवाद है कि जुंआ खेला जाये। चाहे वह मात्र कुछ रुपये वसूल हो। जुंए में जीतने वाला ही हारता हैं क्योंकि जीतने के बाद फड़ संचालक तब तक उसको नहीं जाने देते। जब तक कि उसके जेब में रुपये हों और अधिक जीतने की लालच में एक बार जीतने वाला हारता चला जाता है।
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