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इलाहाबाद

नगर मे स्वच्छता और विकास कार्यो में हीलाहवाली पर मण्डलायुक्त ने सख्त किये तेवर

*14वें वित्त आयोग एवं अवस्थापना निधि की बैठक मे तीन माह में पहले स्वीकृत योजनाओं पर कार्य प्रारम्भ न करने पर जताया कड़ा रोष*

*तैंतीस कूडा घरों की स्थापना में देरी पर कड़ी नाराजगी के साथ मण्डलायुक्त ने काम तेज करने के दिये निर्देश*
*विभिन्न सड़कों और मार्गो से दी गयी स्वीकृतियां*

इलाहाबाद । नगर की स्वच्छता और सुन्दरीकरण के मामलों में आज कड़ाई के साथ कुछ बडे निर्णय लिये गये, जिसमें नगर की सड़कों पर सफाई व्यवस्था तथा शौचालयों के निर्माण एवं संचालन पर विशेष नजर रखी गयी।

महापौर श्रीमती अभिलाषा गुप्ता नन्दी की उपस्थिति में मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल के समक्ष 14वें वित्त आयोग के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि एवं अवस्थापना विकास निधि के अन्तर्गत प्राप्त धनऱाशि से कराये जाने वाले प्रस्तावित कार्यो पर चर्चा की गयी। मण्डलायुक्त के कार्यालय स्थित सभागार में महापौर और मण्डलायुक्त के साथ नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, जल निगम, बाढ़ खण्ड, पावर कार्पोरेशन आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में सर्वप्रथम विगत 09 जून 2018 को पूर्व बैठक में लिये गये निर्णयों एवं स्वीकृतियों पर हुयी प्रगति की समीक्षा की गयी।

समीक्षा में तीन माह बाद भी अवस्थापना सुविधाओं यथा मार्गो के निर्माण, रख रखाव तथा स्वच्छता सम्बन्धी स्वीकृतियों पर अभी तक किसी भी तरह का कार्य प्रारम्भ न हो पाने पर मण्डलायुक्त ने गहरा असंतोष व्यक्त किया और इस बात पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए, नगर निगम के अधिकारियों से यह सवाल किया कि जिन कार्यो की स्वीकृति 09 जून की बैठक में दी जा चुकी थी, उनका टेंडर और प्रारम्भिक औपचारिकतायें भी अभी तक पूर्ण नही की गयी, यह अत्यन्त असंतोषजनक तथा नागरिक हितों से खिलवाड़ है। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से कड़े निर्देश देते हुए दी गयी स्वीकृतियों पर तत्काल नियमानुसार कर्य आरम्भ की कड़ी हिदायद दी।

मण्डलायुक्त ने समीक्षा में इस बात पर भी रोष व्यक्त किया कि नगर में आधुनिक पैमानों पर तैतीस कूडा घर नगर निगम के द्वारा बनाये जाने निर्धारित किये गये थे, जिनकों अभी तक अन्तिम रूप नही दिया जा सका है। इसके कारण नगर मे यत्र-तत्र कूडे का बिखराव यातायात को बाधित करता है तथा नागरिकों की असुविधा का कारण बन रहा है। नगर को स्वच्छ रखने के लिए सडकों पर फैले कूडे को तत्परता से हटाया जाना तथा उसे उसके कचडा पोर्ट तक पहुंचाना। नगर निगम की बडी जिम्मेदारी है, जिसमें उन कूडा घरों का समय से निर्माण कर लिया जाना, एक बडी जरूरत है। इन तैतीस कूडा घरों को निर्माण का अन्तिम रूप न दिये जाने पर मण्डलायुक्त ने कडी नाराजगी जतायी तथा नगर निगम के अधिकारियों से उनकी जिम्मेदारियां याद दिलायी।

गौरतलब है कि विकास प्राधिकरण द्वारा सड़कों के चौडीकरण में विभिन्न स्थलों पर नगर निगम के पुराने कूड़ा घरों को विस्थापित कर सडकों का चौडीकरण किया जा रहा है तथा नये और आधुनिक कूडा घरों की स्थापना करते हुए इनमें नगर के सभी हिस्सों से कचड़ा एकत्र कर निस्तारण हेतु आधुनिक कूड़ा घरों में एकत्र करने की योजना कई माह पूर्व से निर्धारित की गयी। एक अन्य प्रमुख बिन्दु पर विचार-विमर्श करते हुए नैनी क्षेत्र में शहरी पत्र विक्रेताओं के सहायतार्थ योजनान्तर्गत 276 पत्र विक्रताओं को विस्थापित किया जाने का निर्णय लिया गया था। इस सघन क्षेत्र में कुम्भ के दृष्टिगत मार्गो को चौडा एवं बाधा रहित बनाने के लिए इस क्षेत्र के पत्र विक्रेताओं को पुनः स्थापित करने के लिए तीन स्थल चुने गये थे, जिसमें नैनी क्षेत्र के काटन मिल के सामने के स्थान पर पत्र विक्रेताओं के क्षेत्र के लिए चुना गया था। इसके लिए नगर निगम तथा डूडा द्वारा रूपये 25 लाख की लागत से काटन मिल के ठीक सामने शौचालय बनाये जाने से इस बिन्दु पर विचार-विमर्श यह सामना आया कि स्मार्ट सिटी परियोजाना में यह शौचालय इससे अपेक्षाकृत कम लागत में तथा बेहतर गुणवत्ता के साथ बन रहे है।

अतः बैठक में यह निर्णय लिया गया कि स्मार्ट सिटी परियोजना के मानकों तथा निर्धारित लागत के अनुसार निर्मित कराया जाय तथा इस प्रकार के चिन्हित वेडिंग जोन में ऐसे निर्माण इसी प्रकार कराये जाय।

बैठक में ए.एन.झा रोड पर पटरी निर्माण तथा सुन्दरीकरण के स्वीकृति दी गयी। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत लगायी जाने वाली नयी एलईडी लाइटों के लिए उतारी गयी पुरानी लाइटें नगर निगम को लौटा देने के निर्देश मण्डलायुक्त ने दिये।

मण्डलायुक्त ने यह भी कहा कि नगर निगम एवं विकास प्राधिकरण समन्वय बनाकर नगर में एक प्रकार की लाइटें लगाये जिससे नगर की सुन्दरता बनी रहे।

बैठक में महापौर ने सुझाव दिया कि पुराने शहर मे जहां व्यापक बदलाव नही सम्भव है वहां पेशवाई मार्गो पर पुरानी लाइटें स्थापित कर दी जाय ताकि उनका सदुपयोग किये जाते हुए पुराने नगर मे भी प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो सके और कम व्यय में सुन्दरीकरण भी सम्भव हो सके। मण्डलायुक्त ने विभिन्न चौराहो से हटाये जाने वाली पुरानी 28 हाई मास्ट लाइटों को उचित नियोजन करते हुए उन्हें आवश्यकतानुसार लगा दिये जाने के निर्देश दिये है।

मण्डलायुक्त ने नगर निगम द्वारा वृक्षारोपण के स्थलों तथा उनके अनुरश्रण की कार्ययोजना के साथ मुख्य अभियन्ता नगर निगम को पत्रावली प्रस्तुत को करने को कहा।

उपरोक्त के अतिरिक्त जन प्रतिनिधियों द्वारा अनुरोध किये गये विभिन्न निर्माण कार्यो को उपयोगितानुसार निर्धारित कर विचारोपरान्त स्वीकृत हेतु प्रस्तुत करने के निर्देश नगर आयुक्त को दिये।

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