*इलाहाबाद के औद्योगिक विकास के लिए उद्ममियों ने की मण्डलायुक्त के साथ मंथन गोष्ठी*
*मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में ईस्टर्न यूपी चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज की बैठक*
इलाहाबाद । इलाहाबाद के औद्योगिक विकास एवं उसे स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए हम यथा सतत प्रयत्नशील है तथा अक्टूबर तक इस शहर की सीवर समस्या का प्रायः पूरा समाधान हो जायेगा और घरों को सीवर कनेक्शन से जोड़ने का कार्य भी हो जायेगा। उसी समय तक नगर की सड़कों भी अपने सही प्रारूप में नागरिकों को उपलब्ध हो जायेगी। यह बडी उपलब्धि होगी, जिससे नगरीय क्षेत्र में सफाई और स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ा कार्य माना जायेगा।
इलाहाबाद के मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल ने यह उद्गार ईस्टर्न यूपी चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज की गोष्ठी में व्यक्त किये। यह गोष्ठी इलाहाबाद के औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए विज्ञान परिषद प्रयाग के सभागार में आयोजित की गयी। इस गोष्ठी में इलाहाबाद के प्रमुख उद्यमियों के साथ-साथ मीडिया संस्थानों के प्रमुख तथा उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मण्डलायुक्त ने क्हा कि इस प्रकार की बैठकों में औपचारिक बातों से हटकर बुनियादी समस्याओं पर विचार किया जाना चाहिए तथा पूरे शहर से विकास के साथ-साथ उन बातों पर गौर करना चाहिए, जो औद्योगिक विकास की बुनियादी जरूरतों से जुडी हो।
मण्डलायुक्त ने कहा कि आज के परिवेश में औद्योगिक विकास की पहली जरूरत उत्तम गुणवत्ता का उत्पादन तथा उपभोक्ता के बीच अपनी स्थायी शाख निर्मित करना है। औद्योगिक वातावरण को तभी बेहतर बनाया जा सकता है जब समय की मांग को समझते हुए उद्यमी स्वयं तत्पर रहे तथा अपने उत्पादनों की साख के आधार पर बाजार में अपनी पहचान सुनिश्चित करें।
मण्डलायुक्त ने कहा कि क्षेत्रीय स्तर की समस्याओं का समाधान वे सरकारी साधनों से किये जाने के लिए पिछली वर्ष से जागरूक होकर तत्पर रहे है तथा इस क्षेत्र में सकरात्मक परिणाम सामने आये है। स्वयं कई उद्यमियों ने नैनी औद्योगिक क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति तथा कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा के इंतेजामों की मण्डलायुक्त की तारीफ की तथा सरकारी प्रयासों पर भरोसा जताया।
उद्ममिनयों ने मण्डलायुक्त को औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक कचडे के निस्तारण पर चर्चा की। जिस पर मण्डलायुक्त ने यह सुझाव दिया कि हर हाल औद्योगिक विकास के क्षेत्र में उद्ममियों के समूहो द्वारा कचड़ा प्रबन्धन की व्यवस्था किया जाना नियमों के अन्तर्गत निर्देशित है तथा उद्मियों को इस दिशा में पहल करते हुए कचडा प्रबन्धन के प्लान अपने स्तर से हासिल करने चाहिए। इसके लिए नियमानुसार सशुल्क भूमि उपलब्ध कराये जाने का प्राविधान है।
मण्डलायुक्त ने कहा कि आज के दौर में विकास के लिए जनता तथा उद्ममियों को स्वयं आगे बढ़ने की जरूरत है। सरकार उसमें प्रेरक और सहयोगी की भूमिका के रूप में इस प्रकार के हर प्रयत्न के साथ रहती है। उन्होने स्मार्ट सिटी परियोजना के सम्बन्ध में उद्ममियों से सुझाव मांगे तथा कहा कि आपके शहर में जनता की मूलभूत सुविधाओं के लिए चल रहे कार्यो में चैम्बर आफ कामर्स अपना सहयोग एवं सुझाव दे।
मण्डलायुक्त ने कहा कि नगर में सीवर कनेक्शन के कार्य को गति दी गयी है तथा एक वर्ष मे यह कार्य तेजी से पूरा होने की ओर अग्रसर है। बहुत थोड़ा काम शेष रह गया है, जो हर हाल में अक्टूबर तक पूरा हो जायेगा। शहर में सीवरेज की इस व्यवस्था के बाद नगर का वातावरण स्वच्छ रखने में सफलता मिलेगी।
उन्होने कहा कि इस कार्य के पूरा होने के बाद अक्टूबर तक सड़को की मरम्मत भी पूरी कर ली जायेगी तथा इस वर्ष के बाद इस नगर को लम्बे समय तक सीवरेज की समस्या से मुक्ति मिल जायेगी। उन्होने विगत माघ मेला का उदाहरण देते हुए बताया कि मेले में कचड़ा प्रबन्धन एवं सीवरेज की उत्तम व्यवस्था के कारण माघ मेला के उपरान्त उस क्षेत्र में विगत वर्षों की तरह मेले के बाद गन्दगी नही दिखी और स्वच्छता का वातावरण बाद में भी बना रहा। नगर में सीवरेज की व्यवस्था पूर्ण हो जाने के बाद नगर पूरी तरह स्वच्छ रहेगा।
मण्डलायुक्त ने अवगत कराया कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत सड़कों के चौडीकरण और चौराहों के विकास के लिए देश की प्रख्यात एवं अऩुभवी कन्सल्टेंट एजेंसी से सहायता ली जा रही है तथा जनता की अपेक्षाओं और सुविधाओं के अऩुरूप सभी चौराहों को विकसित किया जा रहा है। उन्होंने अवगत कराया कि स्वच्छता के लिए कुम्भ के पहले दो सौ से अधिक शौचालय उत्तम गुणवत्ता के साथ स्थापित कर लिये जायेंगे जो कहीं भी सड़क के ऊपर नही होंगे, बल्कि उस स्थान पर सड़क के किनारे अथवा चार दिवारी के भीतर होगे, जिससे यातायात बाधित न हो। साथ ही उनका संचालन और मेटेंशन भी उत्तम सेवा सुविधा के साथ लगातार चलता रहे, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है।
मण्डलायुक्त ने उद्योगपतियों को अवगत कराया कि सीवरेज व्यवस्था सम्पूर्ण हो जाने के बाद नगर में ड्रेनेज की एक वृहत व्यवस्था स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत विचाराधीन है जिस पर लगभग 800 से 1200 करोड का व्यय सम्भावित है। उन्होने कहा कि लो लाईऩ का शहर होने के कारण ड्रेनेज की उपयुक्त व्यवस्था किया जाना इस शहर की प्राथमिक आवश्यकता है ताकि जलभराव की समस्या से इस शहर को निजात दिलायी जा सके। स्मार्ट सिटी परियोजना में इस व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए इसकी योजना बनायी जा रही है।




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