इलाहाबाद । मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया है कि जनपद में तथा आस-पास बाढ़ आने तथा मक्खी, मच्छर, जनित रोगों के फैलने की सम्भावना रहती है। इससे बचाव के लिए लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के नागरिकों हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये है।
जिनमें मुख्य रूप से बाढ़ चैकियों, प्राथमिक केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध क्लोरीन की गोलियों या ब्लीचिंग पाउडर से विसंक्रमित पेयजल का सेवन करें। 0.5 ग्राम की क्लोरीन की टेबलेट 20 लीटर पानी के विसंक्रमण हेतु पर्याप्त है। क्लोरीन की गोली मिले जल को को अच्छी तरह मिलाकर 40 मिनट बाद छानकर पियें। क्लोरीन अथवा ब्लीचिंग पाउडर से विसंक्रमित जल को प्लास्टिक की बाल्टी में ही रखे। क्लोरीन की गोली एवं ब्लीचिंग पाउडर से विसंक्रमित पेयजल की अनुपलब्धता में पानी उबालने के बाद ठंडा कर के पीेयें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में इंडिया मार्क-2 हैडपम्प का ही जल प्रयोग करें। बासी एवं रखा हुआ भोजन कदापि न करें। ताजा भोजन ही करें। कटे, फटे, सड़े फल और सब्जियों का प्रयोग न करें। खाद्य पदार्थ एवं पेयजल को ढककर मक्खियों के संक्रमण से बचायें। भोजन पकाने एवं भोजन करने से पहले और शौच के बाद दोनों हाथों को साबुन से रगड़कर साफ करें।
खुले में शौच कदापि न करें। यथासंम्भव रोज साबुन से स्नान करें। सरकारी और गैर-सरकारी बाढ़ विस्थापित राहत कैम्पों के आस-पास कूड़ा एकत्रीकरण तथा जलभराव न होंने दें। जलजनित त्वचा रोग से बचाव हेतु शरीर को पानी के संम्पर्क से बचाये। लंबे समय तक एक ही वस्त्र धारण न करें। कपड़ों को भी साबुन से साफ करें। हैजा-गैस्ट्रो- डायरिया-पीलिया-टाईफाइड आदि संक्रामक रोग जल एवं प्रदूषित भोजन का सेवन करने से होते हैं। इन रोगों से बचाव हेतु पानी उबालकर या 20 लीटर पानी में एक गोली क्लोरीन के डालने के आधा घण्टे के बाद जल का प्रयोग पीने के लिये करें।
भोजन करने से पूर्व तथा शौच के बाद हाथ साबुन से अच्छी तरह साफ करें। ताजे मौसमी फलों तथा हरी सब्जियों का प्रयोग करे। उल्टी-दस्त होने पर ओ0आर0एस0 का घोल प्रयोग करायें यदि ओ0आर0एस0 घर में उपलब्ध न हो तो 1 लीटर उबला पानी, 1 चुटकी नमक, 1 चम्मच चीनी का घोल प्रत्येक दस्त के बाद आधा गिलास रोगी को पिलाते रहेे।
निर्जलीकरण की अवस्था में तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र में मरीज को दिखायें। संक्रामित व्यक्ति को अलग स्थान पर रखे तथा घर के अन्य लोग सम्पर्क में न रहें। इन रोगों से बचाव हेतु क्या न करें में प्रमुख रूप से बासी, खुली, अधपकी बदबूदार, भोजन सामग्री, खुली मिठाईयां, नमकीन, कटे-सड़े गले फलों तथा सब्जियों का प्रयोग न करें। नालियों या खुले स्थान पर शौच न करें। दूषित पेयजल का प्रयोग कदापि न करें। खुला बिक रहे गन्ने का रस, जूस, पाउच तथा बोतल के जल का प्रयोग न करें। घरों के आस-पास गन्दगी/जल भराव न रखें। संक्रामित मरीज को न छुयें तथा उसके साथ या उसका दिया खाद्य एवं पेय पदार्थ न प्रयोग करें।




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