परी अखाड़े की शंकराचार्य त्रिकाल भवंता ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हिंदू धर्म का ठेकेदार नहीं है अखाड़ा परिषद और उसे किसी ने यह अधिकार नहीं दिया कि वह देश के लाखो साधु संत महात्माओं को गलत और सही ठहरा सकें। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म बहुत ही विशाल और विराट है जहां नाना प्रकार के धर्म व संप्रदाय के साधु संत महात्मा निवास करते हैं जो अपने-अपने सिद्धांतों और तरीकों से मठ मंदिरों और आश्रमों का संचालन करते हैं और समाज के उत्थान के लिए अपना सर वस्त्र त्याग करके समाज के लोगों के सेवा में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि 13 अखाड़ों के समूह का नेतृत्व करना आपको यह अधिकार नहीं देता कि देश के लाखों साधु-संत और महात्माओं को आप गलत और सही होने का सर्टिफिकेट प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम माहिया स्पष्ट कर दूं कि हमारा संगठन किसी भी प्रकार की अनैतिकता धार्मिकता अथवा दुराचार को ना तो समर्थन देता है ना ही प्रश्रय देता है बल्कि मेरा संगठन केवल निष्पक्ष दृष्टि रखते हुए सही बात का समर्थन करता है उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद एक संगठन है जिसमें 13 पुरुष अखाड़ों का सम्मेलन है यह केवल अपने से जुड़े हुए तेरा अखाड़ों के कार्यकलाप व्यवस्था सुविधाओं हेतु शासन प्रशासन से मंगवा स्वीकृति तक ही सीमित है इसको या अधिकार कहां से और कैसे प्राप्त हो गया किया धर्म क्षेत्र के इतने अहम मुद्दे पर अपनी इस प्रकार की भूमिका प्रदर्शित कर सकें हिंदू धर्म क्षेत्र विश्व का सबसे प्रशस्त सबसे विस्तृत सबसे गहन गंभीर धर्म क्षेत्र है जिसमें आदिकाल से विभिन्न मत पंथ संप्रदाय साधना पद्धतियां प्रचलन में है और आगे अवधी चली आ रही हैं उनके सबके क्षेत्र में साधु महात्मा संत मुनि संयासी बाबा विधमान है
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