इस वैज्ञानिक युग में भी व्यापारी व फुटकर दुकानदार सब्जी बेचने वाले लोग आधुनिक कांटा बांध का प्रयोग न करके आज भी र्इंट, पत्थर से बनाकर कांटों का प्रयोग कर रहे है। जिससे घटतौली हो रही है, जिससे आम उपभोक्ता परेशान है। जिन लोगों के पास कांटा बांध व इलेक्ट्रानिक तराजू है। वह भी बांट माफ विभाग से अपने बांट व बांटों पर मुहर नही लगवायी, जिससे उनकी भी बांट निर्धारित मात्रा से कम मात्रा में कम तौल रहे है। इससे आम नागरिक परेशान है।
बता दें कि चायल तहसील के सरॉयअकिल में इस प्रकार के बांट व तराजू अधिक इस्तेमाल हो रहे है। ग्र्रामीण क्षेत्र का बीहड़ होने के कारण यहां के ग्रामीण लोग इस बात की शिकायत कई बार कर चुके है लेकिन बांट माफ विभाग ऐसे लोगों पर कोई कार्यवाही नही कर रहा है। जिनका खमियाजा आम उपभोक्ता भुगत रहा है। क्षेत्र के उपभोक्ताओं ने दुकानदारों द्वारा ईंट, पत्थर के बांध व बिना मुहर लगवाये कांटा बांट के उपयोग करने वालों पर कार्यवाही की मांग किया है।
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