किसानों ने आलू की बुआई के लिए तैयारी शुरू कर दी है। अच्छे बीज के लिए किसान कोल्ड स्टोर से लेकर कारोबारियों से संपर्क कर रहे हैं। किसानों को अच्छी आय हो। इसके लिए किसानों ने सरकारी से भी सहयोग भी मांगा है।
आलू सब्जियों का राजा कहा जाता है। इसकी मांग वर्ष भर बनी रहती है। इस फ सल के लिए किसानों ने अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से खेतों को तैयार करना शुरू कर दिया था, जिन किसानों के खेत तैयार हैं वह अब आलू बुआई के लिए बीज की भी तलाश कर रहे हैं। किसान कोल्ड स्टोर के साथ ही आढ़तियों के संपर्क में कर अच्छी क्वालिटी व अधिक पैदावार वाले बीज खोज रहे हैं।
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार जिस खेत में आलू की बुआई करनी हो, उस खेत में यदि खरीफ के मौसम में हरी खाद के रूप में सनही, ढेंचा की खाद देते हैं तो पैदावार बेहतर होती है। बुआई के 30 दिन पहले गोबर की खाद भी डाल सकते हैं। गोबर की खाद हमेशा शाम के समय खेत में फैलाएं और सुबह जुताई करने के बाद पाटा जरूर लगा देंए जिससे मिट्टी का भुरभुरापन बना रहे। अगर खेत में नमी नहीं है तो बुआई से पहले पलेवा जरूर करें। उन्होंने कहा कि किसान पहले आलू की बुआई कर अधिक लाभ पा सकते हैं।
कृषि वैज्ञानिक मनोज सिंह ने बताया कि आलू की खेती क्षारीय भूमि को छोड़कर सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती हैं। जिस मिट्टी का पीएच स्तर 5.5 से 7.5 के बीच का है, वह भूमि आलू की पैदावार के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
वहीें किसानों का कहना है कि आलू की कीमत अंतिम समय में इतनी कम हो गई कि किसानों को इसका उचित लाभ नहीं मिला पाया। इस बार अच्छी आय की उ मीद लेकर आलू की बुआई कर रहे हैं। सब सही रहा तो पिछले बार का घाटा इस बार पूरा हो जाएगा।
आलू की मांग वर्ष भर बनी रहती है। इसको स्टोर करने की सुविधा नजदीक है। ऐसे में वर्ष भर बिक्री होती रहती है। इसी सोच के साथ अच्छी फैसल पैदा होगी और लाभ मिलेगा। आलू की बुआई कर रहे हैं।
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