प्रकाश पर्व दीपावली से दो दिन पूर्व मनाया जाने वाला धनतेरस पर इस वर्ष 19 साल बाद पहली बार पांच शुभ योग बन रहे हैं, जो काफी लाभ देने वाले हैं। भगवान धन्वंतरि की जयंती के रुप में मनाया जाने वाला धनतेरस का लोगों को बड़े ही बेसब्री से इंतजार रहता है। क्योंकि यह दिन खास कर खरीदारी के लिए महत्वपूर्ण मुहूर्त माना गया है। बल्कि यह दिन अबूझ मुहूर्त (अत्यंत शुभकारी) भी माना जाता है। इस बार धनतेरस 17 अक्टूबर को पड़ रहा है। इस बार धनतेरस पर 19 साल में पहली बार पांच प्रकार के विशेष शुभ संयोग बन रहे हैं। यह शुभ संयोग खासकर भगवान धन्वंतरि की पूजन – अर्चन एवं वस्तुओं की खरीदारी को लेकर विशेष लाभ प्रद है। इससे पहले यह संयोग 19 साल पहले वर्ष 1999 में बना था। धनतेरस पर इस वर्ष सुबह से लेकर देर शाम तक मनपसंद की वस्तुएं वस्तुओं की खरीदारी की जा सकती है । अपने घर में धन व सुख-समृद्धि की कामना के साथ इस बार कुछ नया खरीदना एवं इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजन अर्चन करना विशेष लाभ प्राप्त होगा। धरतेरस के दिन इस बार सूर्योदय सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रहा है। यह योग खासकर व्यवसाय से जुड़े व माता लक्ष्मी के उपासकों के लिए विशेष फलदायक साबित होगा। वहीं इस दिन चंद्रमा और मंगल की कन्या राशि में युति बन रहा है। यह योग लक्ष्मी प्राप्ति के लिए विशेष लाभ प्रदान होता है। वही इसी दिन भगवान सूर्य का राशि परिवर्तन भी हो रहा है। सूर्य की इस दिन अपने घर बदलने की घटना तुला संक्रांति योग बना रहा है। यह योग क्रय-विक्रय के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। जबकि इससे पूर्व शाम को प्रदोष काल का मुहूर्त बन रहा है। यह मुहूर्त खासकर महिलाओं के लिए खरीदारी का अत्यंत शुभ मुहूर्त माना गया है। इस मुहूर्त में सोना एवं चांदी के सिक्के व जेवरात की खरीदारी करने से अखंड लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। शाम को पूजा करने से सभी दोष दूर होंगे।
*धनतेरस सुबह से देर रात तक मंगलकारी*
इस बार का धनतेरस विशेष लाभप्रद है। क्योंकि, इस बार 19 साल बाद एक साथ पांच शुभ योग बन रहा है। यह संयोग खासकर क्रय विक्रय के लिए विशेष लाभकारी है। इस योग में शुभ कार्य, लेन-देन, खरीदारी शुभ माना जाता है।17 अक्टूबर को शाम के समय प्रदोष काल में ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, बाइक, फोर व्हीलर और लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा का सोना एवं चांदी के सिक्के की खरीदारी का विशेष महत्व होता है। धनतेरस पर मंगलवार और प्रदोष का होना अति शुभ है। धनतेरस सुबह से देर रात तक मंगलकारी और लाभदायक रहेगा।
*धनतेरस पर ये पांच योग बन रहे हैं*
1. चंद्रमा-मंगल की कन्या राशि में युति रहने पर लक्ष्मी योग बनेगा।
2. सूर्य और बुध के भी इसी राशि में रहने बुधादित्य योग रहेगा।
3. धरतेरस के दिन सूर्योदय से सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। यह योग विशेष लाभप्रद है।
4. शाम को प्रदोष रहेगा। शाम को पूजा करने से सभी दोष दूर होंगे।
5 रात में सूर्य के राशि परिवर्तन करने से तुला संक्रांति योग बनेगा।
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