इलाहाबाद 11 नवंबर । अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश चतुर्वेदी ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि तीर्थ पुरोहितों को नष्ट करने और धर्म स्थलों का अधिग्रहण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र में जब भाजपा की सरकार बनी थी तो हिंदू मतावलंबियों तीर्थ पुरोहितों एवं अन्य तमाम लोगों को उन से बड़ी उम्मीदें थी कि भाजपा की सरकार धार्मिक कार्यों मठ मंदिरों एवं गंगा यमुना के विकास में अपना अमूल्य योगदान देकर धर्म और संस्कृति का निरंतर विकास करेगी परंतु भाजपा की सरकार ने तीर्थ पुरोहितों को ही नष्ट करने का बीड़ा उठा लिया एवं तीर्थ स्थलों एवं देश के तमाम प्रख्यात मंदिरों की अधिग्रहण की जो योजना बनाई है उससे सीधे-सीधे हिंदू धर्म पर एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है जिसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते।
श्री चतुर्वेदी ने कहा कि 3 वर्ष पूर्व जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी तब सरकार ने कहा था कि हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए एवं देश की महत्वपूर्ण पवित्र नदियों गंगा एवं यमुना में स्वच्छ एवं अविरल जल का प्रवाह कराना भाजपा की प्रथम दायित्व है और सरकार उस पर गंभीरता से कार्य करेगी और गंगा एवं यमुना में शुद्ध और अविरल जल का प्रवाह निरंतर होगा परंतु आज 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी शुद्ध जल तो बहुत दूर की बात है हकीकत की धरातल पर जाकर देखें तो वह जल आचमन करने लायक भी शेष नहीं बचा !
उन्होंने कहा कि गंगा यमुना को पवित्र नदियों की धारा को अमृततुल्य माना जाता है लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट के द्वारा गंगा और यमुना के जीवन तो होने को लेकर जो निर्णय लिया गया है उसके विरुद्ध महासभा के द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशन में सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल की गई है और इन पवित्र नदियों की पवित्रता और अविरलता को बनाए रखने का महासभा के द्वारा हर संभव प्रयास किया जाएगा
राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा कि इलाहाबाद में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के तत्वाधान में दो दिवसीय सम्मेलन का जो कार्य हो रहा है उसमें मुख्य रूप से देशभर के विभिन्न तीर्थ स्थलों के विकास और तीर्थ पुरोहितों के हितों को लेकर मंथन किया जाएगा उन्होंने बताया कि केदारनाथ में जिस प्रकार से त्रासदी हुई थी उस त्रासदी में सबसे ज्यादा प्रभावित वहां के तीर्थ पुरोहित हुए थे किंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस तीर्थ स्थल के विकास के लिए एक प्राधिकरण का गठन किया है जो निश्चित तौर पर तीर्थ स्थलों ओम तीर्थ पुरोहितों के हित में नहीं है उन्हें चाहिए था कि तीर्थ पुरोहितों एवं तमाम धर्म गुरुओं के साथ बैठकर मंथन करके उसके संपूर्ण विकास एवं तीर्थ पुरोहितों के उद्धार एवं विकास के लिए एक सुनियोजित रणनीति बनाई जानी चाहिए थी !
श्री पाठक ने इलाहाबाद में आयोजित होने वाले कुंभ मेले की चर्चा करते हुए कहा कि कुंभ मेले के दौरान जिस प्रकार अखाड़ों और साधु संतों हुआ तमाम एनजीओज को सुविधाएं सरकार की ओर से मुहैया कराई जाती हैं उसी प्रकार से तीर्थ पुरोहितों को भी सुविधाएं मिलनी ।
उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के दौरान 90% तीर्थयात्री एवं गंगा एवं संगम में स्नान करने के लिए जो स्नानार्थी और भक्त आते हैं वह इन्हीं तीर्थ पुरोहितों के यहां निवास करते हैं स्नान पूजा इत्यादि करते हैं और पूरे 1 माह यहां पर रहते हैं परंतु शासन एवं प्रशासन सर्वप्रथम साधु संतों एवं मठों को फिर एनजीओज को जमीन उपलब्ध कराती है संपूर्ण सरकारी सुविधाएं देती है उसके बाद इन तीर्थ पुरोहितों को स्थान दिया जाता है और इन्हें किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाती है इन्हें सिर्फ जमीन देखकर छोड़ दिया जाता है और उन यात्रियों के निवास के लिए तीर्थ पुरोहित अपने संसाधनों से अपने धन से व्यवस्था कर के तीर्थ यात्रियों के रुकने का व्यवस्था करते हैं जो सरासर गलत है सरकार को चाहिए कि वह तमाम साधु-संतों मठों और एनजीओ उसकी तरह तीर्थ पुरोहितों को भी सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराएं
पत्रकार वार्ता के अवसर पर महासभा के उपाध्यक्ष नवीन नागर रामकृष्ण तिवारी महामंत्री श्री कांत वशिष्ठ चंद्रनाथ चका मधु कोषाध्यक्ष मुकेश स्वामी नानू भाई मिश्रा वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामकृष्ण तिवारी राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश त्रिवेदी राष्ट्रीय मंत्री माधवानंद शर्मा राष्ट्रीय प्रवक्ता अमित राज वैद्य आज भी उपस्थित थे।
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