ज्यों-ज्यों मतदान की तिथि 22 नवंबर करीब आती जा रही है। त्यों-त्यों प्रत्याशियों के दिल की धड़कने बढऩे लगी है। चुनाव प्रचार में कोई कमी न रह जाये इसके लिए सभी प्रत्याशी चाक चौबन्द है। विभिन्न प्रकार केविकास व लुभावनी नारों से छपे प्रत्याशियों के पोस्टर करारी के प्रमुख चौराहों से लेकर गली कूचें में पटे पड़े है। मतदाताओं पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए प्रत्याशी घर-घर दस्तक देकर मतदाताओं को यह बता रहा है कि वह ही उनकेअन्दर है। उधर चुनाव जीतने में माहिर नगर की कुर्सी पर स्वयं व अपनी पत्नी को कब्जा दिलाने वालें अपनी पैनी नज़र हर उन बिन्दुओं पर जमाये देखे जा रहे हैं जो उन्हें अब तक विजयी बनाते चले आ रहे है। हालाकि इस बार कई प्रत्याशियों के बीच काटे की टक्कर में उनके पसीने छूट रहे हैं।
करारी नगर पंचायत के चुनाव में चुनाव से एक ह ते पूर्व प्रत्याशियों स्थिति की तस्वीर साफ होने लगती है लेकिन इस बार मतदाताओं की खामोशी से प्रत्याशियों की दिल की धड़कने बड़ी हुयी है। प्रत्याशियों के चेहरे से यह पता चलता है कि वह चुनावी भवर में बुरी तरह फसे हुये हैं। भले ही कोई प्रत्याशी अपनी जीत का दावा ठोक रहा हो लेकिन मतदाताओं की चुप्पी यह बता रही है। चुनाव में वोट डालते समय तक भी मतदाताओं के रुझान को कोई भाप नहीं पायेगा।
सभासद चुनावी महौल को और शवाब पर लाकर खड़ा कर दिया है। कुल मिलाकर करारी नगर पंचायत के चुनाव में विकास और आपसी भाई चारा कायम करने की जो चुनावी बयार बह रही है, जिसमें प्रत्याशी पसीने से तर बतर दिख रहे है। देखना यह है कि इस बार मतदाताओं में कोई फर्क आया अथवा नहीं। इसका अन्दाजा चुनाव मतगणना ही बता सकेगी।
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