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अयोध्या मसले पर श्रीश्री रविशंकर को झटके पर झटका

लखनऊ । सुप्रीम कोर्ट में पांच दिसंबर से अयोध्या के राम मंदिर मामले की लगातार सुनवाई से पहले बातचीत से मामले में समाधान में लगे आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर को लगातार झटके लग रहे हैं। लगता है कि संत समाज उनके मध्यस्थता के मामले को स्वीकार नहीं कर रहा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से भेंट करने के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर तथा बाबरी मस्जिद के पैरोकारों से मिलने पहुंचे श्रीश्री रविशंकर की बात किसी के गले नहीं उतरी है। संतों से श्रीश्री रविशंकर को एक और झटका लगा है। राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के साथ आज उन्होंने भेंट की। करीब आधा घंटा की मुलाकात के बाद भी कोई बात नहीं बनी। नृत्य गोपालदास ने कहा कि श्रीश्री रविशंकर से मुलाकात तो हुई पर अयोध्या मसले पर कोई बात नहीं हुई है। महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि श्रीश्री हमारे प्रेम में मिलने आए थे। अयोध्या मसले पर कोई बात नहीं हुई। वह तो हमारे प्रेम में हमसे मिलने आए थे। श्रीश्री हमारे प्रेम में मिलने मिलने के लिए आए थे।

मणि रामदास जी की छावनी में श्री श्री रविशंकर और नृत्य गोपाल दास के बीच मुलाकात का इंतजाम किया गया। नृत्यगोपाल दास के साथ इस दौरान उनके उत्तराधिकारी कमल नयैन दास, निरमोही अखांडे सरपंच महंत राम दास समेत करीब दो दर्जन साधु-संत मौजूद थे। श्रीश्री रविशंकर के मीटिंग से जाने के बाद नृत्य गोपाल दास ने साफ इन्कार किया कि अयोध्या मसले पर कोई बात हुई है। उन्होंने कहा कि वह हमसे मिलने के लिए आए थे

आधे घंटे चली मीटिंग के बाद श्री श्री रविशंकर ने कहा कि वो इस मसले का सौहार्दपूर्ण हल चाहते हैं। इस मामले में मुकदमा चलने से एक पक्ष जीतेगा और दूसरा पक्ष हारेगा, लेकिन सुलाह होने से सभी की जीत होगी और देश की जीत होगा। उन्होंने कहा कि काम बहुत कठिन है। मुझे थोड़ा समय दीजिए तीन महीने या छह महीने में जरूर कोई हल निकलेगा।

इससे पहले विश्व हिंदू परिषद ने भी श्रीश्री रविशंकर के समझौता वार्ता में शामिल होने से इन्कार कर दिया। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने श्रीश्री रविशंकर की समझौता वार्ता में शामिल होने से इन्कार कर दिया। वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा है कि वह श्री श्री की समझौता वार्ता में शामिल नहीं होंगे।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भी कल लखनऊ में आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर ने भेंट की थी। इस भेंट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिष्टाचार भेंट बताया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज श्रीश्री रविशंकर से साथ हुई मुलाकात को आज औपचारिक बताया।

उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता की कोशिश पर कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब बातचीत में देर हो चुकी है। एक टीवी चैनल से बातचीत में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्री श्री रविशंकर से मुलाकात के दौरान राम मंदिर के मसले पर विस्तार से कोई बातचीत नहीं हुई।

अब राजनीति में उतर रहे श्रीश्री रविशंकर : इकबाल अंसारी

बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ही हम सम्मान करेगें। श्रीश्री रविशंकर के अयोध्या में मुस्लिम पक्षकारों से भेंट पर इकबाल अंसारी खेहद खफा हैं। मुद्दई बाबरी मस्जिद मरहूम हाजी मोहम्मद हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी का मस्जिद-मंदिर को लेकर बयान आया है। इकबाल अंसारी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ही हम सम्मान करेगें। श्रीश्री रविशंकर यहां अयोध्या में रामलला का दर्शन करें, हमको को आपत्ति नही है।

उन्होंने कहा गुजरात व यूपी इलेक्शन के मद्द्देनजर यह उनका सियासी दौरा है। श्री श्री रविशंकर के पास बहुत रुपया है। अब वह राजनीति में उतर रहे हैं। श्री श्री रविशंकर हमसे मिले हमको कोई परेशानी की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सुलह का प्रस्ताव हमको भी नामंजूर है। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इस प्रस्ताव को नामंजूर किया है। श्रीश्री रविशंकर गलत राजनीति में फंस रहे हैं। वसीम रिजवी भी फर्जी राजनीति कर रहे हैं। अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद पर सिर्फ राजनीति हो रही है। श्री श्री रविशंकर के पास काफी रुपया है अब राजनीति में उतर रहे है।

 

 

 

 

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