मंत्री ने साहसिक कार्य करने वाले पांच दिव्यांगजनों को किया सम्मानित
विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित पर दिव्यांगो ने प्रस्तुत किया रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम
विश्व दिव्यांग दिवस पर 37 ट्राई साईकिल, 03 व्हील चेयर तथा 11 बैसाखी पाकर दिव्यागों के चेहरे में आयी मुस्कान
इलाहाबाद। दिव्यांगजनों को अपनी शरीरिक कमजोरी को अपनी ताकत बनाकर अन्य लोगों के लिए एक मिशाल पेश करना चाहिए। विरासत में हमें क्या मिला इसकी फ्रिक न करते हुए हमें यह सोचना चाहिए कि हमें विरासत के लिए क्या छोड़कर जा रहे है। इन प्रेरणास्त्रोत वाक्यों से दिव्यागंजनों में हौसला भरने का कार्य आज कैबिनेट मंत्री नन्दगोपाल गुप्ता नंदी विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि दिव्यागंजनों के लिए उत्तर प्रदेश एवं भारत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाये चलायी जा रही है जिसका लाभ प्राप्त करके दिव्यांगजन समाज की मुख्य धारा मे जुड़ सकते है। उन्होंने कहा कि विकलांग को अब उनकी सरकार ने दिव्यांग शब्द से संबोधित किया जा रहा है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मा. मंत्री जी ने कहा कि सरकार हर व्यक्ति का विकास करने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि पक्ति में पीछे बैठे व्यक्ति तक के लिए हमारी सरकार गम्भीर रहती है एवं उसके उत्थान के लिए निरन्तर प्रयासरत है।
दिव्यांग सशक्तीकरण विभाग के द्वारा आज विश्व दिव्यांग दिवस पर दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करने एवं उनका मनोबल और बढाने के लिए उत्तर मध्य सांस्कृतिक केन्द्र में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप मे मुख्य विकास अधिकारी सैमुअल पाल एन. ने शिरकत की। इस कार्यक्रम की शुरूरात मंत्री ने सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर एवं दीप प्रजज्वलित कर की। इसके उपरान्त दिव्यागंजनों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये है जिसकी प्रशंसा मंच पर उपस्थित मा. मंत्री के साथ सभी उपस्थित जन समूहों ने की।
सास्कृतिक कार्यक्रम की कड़ी में ही दिव्यांगजनों के हौसने और जुनून को दर्शाती हुयी डाक्यूमेंट्री फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। जिसमें दिखाया गया कि दिव्यांगो के द्वारा विपरित परिस्थितयों में भी हार न मानते हुए अपने जुझारू स्वभाव और कुछ हासिल करने की तमन्ना ने उन्हे आज दुनिया के सामने एक मिशाल के रूप में पेश किया है। यह डाक्यूमेंट्री फिल्म पी.एन. टण्डन एवं चिन्तामणि बेहरे के अथक प्रयास से बनायी गयी है। इस फिल्म में दिव्यांग विमल किशोर को दिखाया गया है जिसने विभिन्न प्रकार के सामानो जैसे छोटी पतंग एवं लटाई, प्लेन, के साथ दिव्यांजनो के लिए आवश्यक उपकरण भी बनाकर देश एवं विदेश से सम्मान प्राप्त कर चुके है।
मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ने डाक्यूमेंट्री फिल्म में दिखाया गये दिव्यांगजनों के साहस एवं उनके जुनून को सलाम करते हुए अन्य दिव्यांगजनों को भी इनसे प्रेरणा लेकर अपने को किसी से भी कम न आंकने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि सरकार उनके हर कदम में उनके साथ है। मा. मंत्री ने डाक्यूमेंट्री फिल्म में दिखाये गये 05 दिव्यांगजनों को शाल एवं प्रतीक चिन्ह देकर उनका सम्मानित किया एवं उनका हौसला उफजाई भी किया। इन पांच दिव्यांगजनों में विमल किशोर, विमलेश कुमार निषाद, प्रवीण शेखर, नेहा महरोत्रा एवं श्रीनारायण यादव थे। उन्होंने इस अवसर दिव्यांगजनों को ट्राईसाइकिलों का भी वितरण दिव्यांगजनों को किया। उन्होंने 37 लोगों को ट्राई साईकिल, 03 को व्हील चेयर एवं 11 को बैसाखी का वितरण किया। उन्होंने दिव्यांगजनों को भरोसा दिलाया कि उनके हितो की रक्षा के लिए सरकार हमेशा तत्पर है। उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे मिले इसके लिए सम्बन्धित अधिकारियों दिशा निर्देशित कर दिया गया है।
मुख्य विकास अधिकारी सैमुअल पाल एन ने भी अपने सम्बोधन में दिव्यांगजनों को बताया कि उनके हितो के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाये प्रदेश में संचालित है जिसका लाभ प्राप्त कर वे स्वालम्बी बन सकते है एवं समाज की मुख्य धारा में जुड़ सकते है। उप निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण श्रीमती विनीता यादव ने दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं पर प्रकाश डाला। जिसमें निराश्रित दिव्यांगजन के भरण-पोषण हेतु अनुदान (दिव्यांग पेंशन) योजना , कुष्ठावस्था पेंशन योजना, शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को कृत्रिम अंग एवं श्रवण सहायक यंत्र इत्यादि खरीदने तथा मरम्मत कराने हेतु सहायक अनुदान योजना, शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, निःशक्तता निवारण हेतु शल्य चिकित्सा अनुदान, दिव्यांगजन के पुनर्वासन हेतु दुकान निर्माण/दुकान संचालन योजना , दिव्यांगजन को राज्य परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान करने की योजना, दिव्यांगजन के सशक्तिकरण हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार आदि योजनाये है जिसका लाभ दिव्यांगजन ले सकते है। कार्यक्रम में दिव्यांगजन अधिकारी विपिन उपाध्याय भी उपस्थित थे।
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