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जब बेटियां आगे बढ़ती हैं तो देश आगे बढता है : राष्ट्रपति कोविंद

                                                    शिक्षा ही देश के विकास की आधारशिला है – महामहिम राष्ट्रपति

                            प्रयाग में महामहिम राष्ट्रपति के उद्बोधन के साथ एमएनएनआईटी का 14वां दीक्षान्त सामारोह सम्पन्न

                      निष्ठा, ईमानदारी, पारदर्शिता के साथ किया गया परिश्रम सफलता की कुंजी है  : महामहिम राज्यपालराम नाईक 

इलाहाबाद  15 दिसम्बर ।किसी भी शिक्षण संस्थान में शिक्षा के मुख्य स्तम्भ शिक्षक एवं विद्यार्थी होते है। यही शिक्षा के स्तर को ऊचा उठाने में अपना सहयोग प्रदान करते हैं। अपनी योग्यता पर विश्वास रखने वाले भविष्य में अपना नाम रोशन करते है। उक्त ऊर्जावर्धक बातें महामहिम राष्ट्रपति  रामनाथ कोविन्द आज मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान के 14वें दीक्षांत सामारोह में उपस्थित संस्थान के छात्र-छात्राओं से कह रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी 14वें राष्ट्रपति के रूप में और मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान के दोनों 14वें दीक्षांत सामारोह को उनकी उपस्थिति एवं सुखद संयोग है। उन्होंने कहा कि इस त्रिवेणी के संगम में शिक्षण संस्थानों में सरस्वती एक अदृश्य प्रवाह के रूप में बह रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में और सुधार लाना यहां हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है क्योंकि शिक्षा ही देश का भविष्य निखारती है।

महामहिम ने इलाहाबाद में होने वाले कुम्भ पर बोलते हुए कहा कि कुम्भ मेला को यूनेस्को के द्वारा विश्व की धरोहर के रूप में लिया जाना भारत के हर एक नागरिक के लिए गर्व की बात है। उन्होंने दीक्षांत सामारोह में सभी सफल छात्र एवं छात्राओं एवं उनके परिजनों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि छात्राओं में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं बस उसे सही समय और अवसर देने की आवश्यकता होती है। हमारी बेटिया हर क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बेटियां जब आगे बढती है तो देश आगे बढ़ता है।

 उन्होने कहा कि प्रयाग की धरती अनेक साहित्यकारों, क्रांतिकारियों, राजनीतिज्ञकारों, फिल्मकारो आदि के उत्कर्ष एवं कृतित्व की साक्षी रही है। उन्होंने कहा कि हमें इन लोगों से कुछ सीख लेकर अपने भविष्य निखारने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रयाग को शिक्षा का केन्द्र जाना जाता है। उन्होंने भारत में उत्तृषअट विश्वविद्यालयों की प्राचीन परंपरा का उल्लेख करते हुये यहां के नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों की परम्परा याद दिलाई तथा चाणक्य का उदाहरण देते हुए छात्र एवं छात्राओं से कहा कि उन्होंने किस तरह अपने शिष्य को प्रशिक्षित करते हुए मौर्य साम्राज्य की स्थापना कर दी। उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम का भी उदाहरण उपस्थित स्नातकों के बीच प्रस्तुत करते हुए कहा कि वे विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य से पीछे नही हटे और आज उन्हे मिसाइल मैन के रूप में हम याद करते हैं। उन्होंने मेट्रो मैन श्रीधरन का भी उदाहरण प्रस्तुत किया।

महामहिम ने कहा कि माघ मेला के रूप में अस्थाई रूप में एक शहर बसता है। जिसमे पूरा प्रशासन लगता है। इस आयोजन हर किसी को अपना सहयोग कर इसे भव्य एवं दिव्य बनाने में अपना योगदान करना चाहिए।  उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ नैतिकता एवं राष्ट्रीयता बोध का ज्ञान भी विद्यार्थियों को देना चाहिए जिससे कि उनका देश के प्रति उनका सम्मान और अधिक बढ़े और दुनिया के सामने अपने व्यवहार से अपने देश की संस्कृति एवं उसकी विरासत को प्रदर्शित करे।

इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल  राम नाईक ने विद्यार्थियों को दीक्षांत सामारोह में सफल होने की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आगमी कुम्भ के दौरान पूरा प्रशासन इसे भव्य एवं दिव्य बनाने में जुटा हुआ है। उन्होने कहा कि कार्यो को और अधिक सुविधापूर्वक बनाने के लिए प्राधिकरण का भी गठन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में कुम्भ का प्रतीक चिन्ह को लांच किया गया। लोगो के लांच होने से कुम्भ के कार्यो मे और तेजी आयेगी। उन्होंने कहा कि आगामी कुम्भ का आयोजन देश एवं विदेश के आने वाले पर्यटको के लिए दिव्य एवं भव्य होगा। उन्होने आज के दिन सरदार पटेल की पुण्यतिथि होने पर उन्हें भी नमन किया। उन्होंने उनकी विशेषताओ पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित लोगो को उनके आदर्शो से अवगत कराया।

 राज्यपाल ने दीक्षांत सामारोह में 1441 विद्यार्थियों में से 1182 छात्र एवं 259 छात्राओं को उपाधि मिलने एवं उनमे से 43 विद्यार्थियों को मेडल में 22 छात्र एवं 21 छात्राओं  को दिये जाने में छात्राओं की लगन पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि इसी तरह छात्रायें हर क्षेत्र में अपना नाम आगे करे। उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सफलता के लिए कोई शार्टकट नही होता, सिर्फ परिश्रम है जो व्यक्ति को सफलता दिला सकता है। उन्होंने कहा कि अगर असफलता प्राप्त भी होती हैतो उसमे निराशा होने की कोई आवश्यकता नही है। अपनी भूलों को सुधारते हुए पुनः प्रयास करना चाहिए लेकिन हिम्मत नही हारनी चाहिए।

विशेष अतिथि उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि भविष्य में अच्छा कार्य करते हुए देश के विकास में अपना योगदान दें और अपनी कमियों को दूर करते हुए सफलताओं की सीढियों पर चढ़े। उन्होंने कहा कि कुछ नया सीखने की ललक हमेशा बनाये रखनी चाहिए जिससे जीवन में उसे अपटेड करते हुए भविष्य को और अच्छा बनाया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा कि परिश्रम ही सफलता का मूल मंत्र होता है और जो परिश्रम करते हैं उन्हे सफलता अवश्य मिलती है। उन्होने कहा कि हमें सोचना चाहिए कि हमे क्या करना चाहिए और क्या करे। इस पर विचार करते हुए हम अपने भविष्य को निखार सकते है।

दीक्षांत सामारोह के बारे में मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान के निदेशक राजीव त्रिपाठी ने दीक्षांत पर प्रकाश डालते हुए मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान के क्रियाकलापों के बारे मे बताया। इस सामारोह में मण्डलायुक्त डॉ आशीष कुमार गोयल, जिलाधिकारी  सुहास एल.वाई. सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

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