नई दिल्ली । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को संसद में 2018-19 का आम बजट पेश किया। बजट पेश होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे आधुनिक भारत के सपने को साकार करने वाला बजट बताया, जिसमें गरीबों, महिलाओं, युवाओं, किसानों, व्यापारियों और मध्यमवर्ग का ध्यान रखा गया है।
वित्त मंत्री को दी बधाई
पीएम मोदी ने एक संतुलित और सपनों को साकार करने वाला बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वेतनभोगी वर्ग को दी गई टैक्स राहत के लिए वह वित्त मंत्री जी का आभार व्यक्त करते हैं। वित्त मंत्री और उनकी टीम को जीवन में सुख-सुविधाएं बढ़ाने वाले इस बजट के लिए हृदय से बधाई। ये पिछले वर्ष की तुलना में लगभग एक लाख करोड़ रुपए ज्यादा है। बजट में पेश की गई योजनाओं से देश में रोजगार की अपार संभावनाएं बनेंगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बजट
पीएम मोदी ने कहा कि रेल-मेट्रो, हाईवे-आईवे, पोर्ट-एयर पोर्ट, पावर ग्रिड-गैस ग्रिड, भारतमाला-सागरमाला, डिजिटल इंडिया से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बजट में काफी बल दिया गया है। इनके लिए लगभग 6 लाख करोड़ रुपए की राशि का आबंटन किया गया है। आधुनिक भारत के सपने को साकार करने के लिए, सामान्य लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए और विकास को स्थायित्व देने के लिए भारत में नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर अत्यंत आवश्यक है।
रोजगार के नए अवसर होंगे पैदा
उन्होंने कहा कि बजट में रोजगार को प्रोत्साहन देने के लिए और कर्मचारियों को सोशल सिक्योरिटी देने की दिशा में सरकार ने दूरगामी सकारात्मक निर्णय लिया। इससे इंफॉर्मल को फॉर्मल में बदलने का अवसर मिलेगा। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सरकार नए श्रमिकों के ईपीएफ अकाउंट में तीन साल तक 12 प्रतिशत का योगदान खुद करेगी।
छोटे उद्यमियों को जल्द मिलेगी राहत
बड़े उद्योगों में एनपीए के कारण सूक्ष्म-लघु और मध्यम उद्योग तनाव महसूस कर रहे हैं। किसी और के गुनाह की सजा छोटे उद्यमियों को नहीं मिलनी चाहिए। इसलिए सरकार बहुत जल्द एमएसएमई सेक्टर में एनपीए और Stressed Account की मुश्किल को सुलझाने के लिए ठोस कदम की घोषणा करेगी। इस बजट में सरकार ने एक साहसपूर्ण कदम उठाते हुए सभी एमएसएमई के टैक्स रेट में 5 प्रतिशत की कटौती कर दी है। यानि अब इन्हें 30 प्रतिशत की जगह 25 प्रतिशत का ही टैक्स देना पड़ेगा। लंबे अरसे से हमारे देश में सूक्ष्म-लघु और मध्यम उद्योग यानि एमएसएमई को बड़े-बड़े उद्योगों से भी ज्यादा दर पर टैक्स देना पड़ता रहा है।
सीनियर सिटिजन का खास ध्यान
प्रधानमंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य बीमा के 50 हजार रुपए तक के प्रीमियम पर इनकम टैक्स से छूट मिलेगी। वैसे ही गंभीर बीमारियों के इलाज पर एक लाख रुपए तक के खर्च पर इनकम टैक्स से राहत दी गई है। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत अब सीनियर सिटिजन 15 लाख रुपए तक की राशि पर कम से कम 8 प्रतिशत का ब्याज प्राप्त करेंगे। बैंकों और पोस्ट ऑफिस में जमा किए गए उनके धन पर 50 हजार तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इस बजट में सीनियर सिटिजनों की अनेक चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कई फैसले लिए गए हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ एश्योरेंस योजना
देशभर में 24 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना से लोगों को इलाज में सुविधा तो बढ़ेगी ही युवाओं को मेडिकल की पढ़ाई में भी आसानी होगी। हमारा प्रयास है कि देश में तीन संसदीय क्षेत्रों में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज अवश्य हो। देश की सभी बड़ी पंचायतों में, लगभग डेढ़ लाख हेल्थ वेलनेस सेंटर की स्थापना करने का फैसला प्रशंसनीय है। इससे गांव में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं और सुलभ होंगी। हमेशा से गरीब के जीवन की एक बड़ी चिंता रही है बीमारी का इलाज। बजट में प्रस्तुत की गई नई योजना ‘आयुष्मान भारत’ गरीबों को इस बड़ी चिंता से मुक्त करेगी। सरकारी खर्चे पर शुरू की गई स्वास्थ्य योजना, जिसमें पांच लाख तक का कवर मिलेगा, ये पूरी दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी हेल्थ एश्योरेंस योजना है। इस योजना का लाभ देश के लगभग 10 करोड़ गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों को मिलेगा। यानि करीब-करीब 45 से 50 करोड़ लोग इसके दायरे में आएंगे।
ग्रामीणों को धूल और महिलाओं को धुंए से मिलेगी मुक्ति
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत अब गांवों को ग्रामीण हाट, उच्च शिक्षा केंद्र और अस्पतालों से जोड़ने का काम भी किया जाएगा। इस वजह से गांव के लोगों का जीवन और आसान होगा, लोगों को धूल भरे कच्चे रास्तों से मुक्ति मिलेगी। बजट में लोगों के जीवन स्तर में सुधार की भावना का विस्तार उज्ज्वला योजना में भी देखा है। ये योजना देश की गरीब महिलाओं को न सिर्फ धुंए से मुक्ति दिला रही है, बल्कि उनके सशक्तीकरण का भी बड़ा माध्यम बनी है। मुझे खुशी है कि इस योजना का विस्तार करते हुए अब इसके लक्ष्य को 5 करोड़ परिवार से बढ़ाकर 8 करोड़ कर दिया गया है। इस योजना का लाभ बड़े स्तर पर देश के दलित-पिछड़ों को मिल रहा है।
किसानों की बढ़ेगी आमदनी
देश में अलग-अलग जिलों में पैदा होने वाले कृषि उत्पादों के लिए स्टोरेज, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग के लिए योजना विकसित करने का कदम अत्यंत सराहनीय है। इसी तरह, गोबर-धन योजना भी, गांव को स्वच्छ रखने के साथ-साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगी। भारत के 700 से अधिक जिलों में करीब-करीब 7 हजार ब्लॉक या प्रखंड हैं। इन ब्लॉक में लगभग 22 हजार ग्रामीण व्यापार केंद्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण, नवनिर्माण और गांवों से उनकी कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर दिया गया है। आने वाले दिनों में ये केंद्र, ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधि, रोजगार एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए, नए ऊर्जा केंद्र बनेंगे।
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