इलाहाबाद । इलाहाबाद के वरिष्ठ साहित्यकार राजेश कुमार ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार के लोग इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति को कार्य नहीं करने दे रहे हैं ।
अखिल भारतीय बुद्धिवादी मंच के अध्यक्ष सी एल पांडे ने आज पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भारतवर्ष के अंदर अपना एक अलग स्थान रखने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय को षड्यंत्र के तहत नष्ट करने का कार्य किया जा रहा है उसके तमाम अनुषांगिक संगठनों मेडिकल कॉलेज इंजीनियरिंग कॉलेज एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट इत्यादि को उससे अलग करके उसके कद को घटाया जा रहा है और उसकी गरिमा को नष्ट किया जा रहा है और जब वर्तमान कुलपति उसकी गरिमा को बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं नए डिपार्टमेंट खोलने का कार्य कर रहे हैं तो सरकार के ही लोग उनके कार्यों में अड़ंगा लगाते हुए उन्हें कार्य न करने देकर उन्हें अपमानित करने का कार्य कर रहे हैं जो सरासर गलत है ।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अंदर व्याप्त गुटबाजी किसी भी कुलपति को कोई सार्थक कार्य न करने देने की संस्कृति ने पूर्व कुलपति प्रोफेसर एके सिंह को भी विश्वविद्यालय से त्यागपत्र देने के लिए विवश कर दिया था ।
उन्होंने कहा कि कुलपति व्यक्ति नहीं वरन वह एक संस्था होता है और संस्था पर प्रहार होने का अर्थ यह है कि लाखों बुद्धिजीवियों का सरासर अपमान । उन्होंने कहा कि इस वार्ता का उचित उन लाखों बुद्धिजीवियों की भावनाओं से केंद्र सरकार को अवगत कराना है जो इस घटना से बहुत ही मर्माहत हैं ।
अखिल भारतीय बुद्धिवादी मंच के संयोजक डॉक्टर रजनीश पांडे ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार में सर्वोच्च पदों पर आसीन लोग ही विश्वविद्यालय की गरिमा पर हमला करने वाले लोगों के प्रति उदासीन हैं । अब तक ना तो ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया और ना ही उन पर कोई ठोस कार्यवाही की गई है ।
उन्होंने कहा कि हम इस पत्रकार वार्ता के माध्यम से सरकार से अपील करते हैं कि ऐसे लोगों पर कार्यवाही सुनिश्चित हो और साथ ही साथ हम विश्वविद्यालय के कुलपति से भी आग्रह करते हैं कि वह अपने कर्तव्य मार्ग से मिली विचलित ना होकर विश्वविद्यालय को नई शैक्षणिक ऊंचाइयों की ओर अग्रसारित करें विश्वविद्यालय से जुड़े लाखों लोग उनके साथ हैं ।
उन्होंने कहा कि इस मंच के माध्यम से हम कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय के हित में किए गए ठोस निर्णय का स्वागत करते हैं जिसमें प्रमुख रुप से विश्वविद्यालय में कई वर्षों से निवास कर रहे अवैध लोगों को एक चुनौती के रूप में लेकर उनको बाहर करना वर्तमान में सभी संगठक कॉलेजों में त्वरित गति से शिक्षकों की भर्ती कॉलेज में स्नातकोत्तर कक्षाओं का आरंभ एवं शोधकार्य देने का निर्णय स्वागत योग्य कदम है ।
विश्वविद्यालय का स्वरूप सीमित ना हो इसके लिए कुलपति महोदय मेडिकल कॉलेज इंजीनियरिंग कॉलेज एवं एग्रीकल्चर जैसे संकायों की पुनर्स्थापना हेतु संकल्प बंद है यह मंच ऐसे कार्यों का स्वागत करता है । पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डॉ अभिनव गुप्त सहित तमाम साहित्यकार पत्रकार एवं बुद्धिजीवी वर्ग के लोग एवं अध्यापक शामिल थे ।।
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