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अनकटैगराइड्ज इलाहाबाद राज्य

 मुख्यमंत्री ने किया गंगा हरीतिमा अभियान का शुभारम्भ,  कुम्भ 2019 के कार्यो का किया शिलान्यास

 

कुम्भ के रिर्हसल के रूप में किये गये माघ मेले कार्यो की मुख्यमंत्री ने की सराहना

नदियो के दोनो तटो को हरा-भरा रखने के अभियान जनसामान्य भी जुड़े

ओडीएफ हो चुके गांवो को अब ओडीएफ प्लस करने की होगी तैयारी

कुम्भ आयोजन में प्रयागवासी अतिथिः देवः भवः के अनुरूप आने वाले श्रद्धालुओ करे स्वागत

कुम्भ आयोजन के समय पर्यटको के लिए जल मार्ग, वायु मार्ग तथा स्थल मार्ग होंगे उपलब्ध

वृक्षारोपण अभियान में जुडने के लिए एक परिवार पंचवटी वाटिका करे विकसित

 इलाहाबाद ।  मुख्यमंत्री  उत्तर प्रदेश  योगी आदित्यनाथ ने  इलाहाबाद भ्रमण कार्यक्रम के तहत आज परेड ग्राउण्ड, इलाहाबाद में वन विभाग द्वारा आयोजित गंगा हरीतिमा अभियान एवं कुम्भ 2019 के कार्यो का शिलान्यास किया। उन्होंने   बटन दबाकर कुम्भ मेला 2019 के 156 कार्यो का शिलान्यास किया। जिसमें लोक निर्माण विभाग के 26, सेतु निगम के 1, पावर कारपोरेशन के 5, जल निगम के 8, नगर निगम के 18, स्वास्थ्य विभाग के 8, पुलिस विभाग के 19,. बाढ कार्य के 2, नगर पंचायत झूंसी के 14, एडीए के 44. सड़क परिवहन के 6, पर्यटन विभाग के 4 तथा एमएनएनआईटी के 1 कार्य सम्मिलित है। जिसकी कुल लागत 68419.66 लाख रूपये है।

 उद्घाटन समारोह  को सम्बोधित करते हुए  मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर तीर्थराज प्रयाग की धरती पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा एक अभिनव कार्यक्रम गंगा हरीतिमा अभियान का शुभारम्भ करते हुए हर्ष हो रहा है।

उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए सभी सम्बन्धित अधिकारियों को बधाई एवं शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि वन विभाग विगत वर्षो से अपनी एक नयी पहचान बना रहा है। जिसका परिणाम यह है कि विरासत की प्रतीक मां गंगा के संरक्षण के लिए, उसकी अविरलता एवं निर्मलता को बनाये रखने के लिए वन विभाग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रही है। यह एक पवित्र अभियान है।

उन्होने कहा कि मा. प्रधानमंत्री जी के द्वारा नमामि गंगे परियोजना प्रारंभ कर गंगा के अवरिलता एवं निर्मलता बनाने का संकल्प लिया है उसी संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए वन विभाग ने गंगा हरीतिमा अभियान को अपने हाथ में लिया है।

उन्होंने कहा कि नदियो के दोनो तटो को हरा-भरा रखना होगा। उन्होंने वन विभाग के द्वारा इस अभियान को शुरू करने के लिए  वन मंत्री उपेन्द्र तिवारी एवं अधिकारियों को बधाई दी।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि गंगा हरीतिमा अभियान गंगा की अविरलता एवं निर्मलता बनाये रखने मे एक निर्णायक भूमिका अदा कर सकता है। इस निर्णायक भूमिका के लिए आमजन को जोडा जायेगा। उन्होंने कहा कि गंगा हरीतिमा अभियान के तहत वृक्षारोपण कार्य इस प्रकार से किया जाये कि एक परिवार एक पंचवटी का निर्माण करे तथा गंगा के दोनो तटो पर व्यापक रूप से औषधीय वृक्षों को लगाया जाये तो बाढ़ की समस्या नही होगी और गंगा एक अवरिल एवं निर्मलता के संकल्प को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पांच राज्यो मे बहने वाली गंगा अधिकमत रूप से उत्तर प्रदेश में बहती है।

 मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ मेला को यूनेस्को ने सांस्कृतिक धरोहर के रूप मे शामिल किया है। उन्होंने कहा कि कुम्भ को इस अभियान से जोडते हुए हर वर्ग के लोग, साधु संत इस अभियान से जुडे। उन्होने कहा कि वन है तो जन है, और जन है तो, जीवन है और जीवन है तो हम सब है।

उन्होंने कहा कि मा. प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ किया गया था। 1597 गांवों को खुले मे शौच से मुक्त करने में पंचायती राज विभाग सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि  इस कडी मे आगे बढ़कर अब ओडीएफ प्लस के रूप मे विकसित किया जायेगा। गंगा के तटवर्ती नगरो, कस्बो, गांवो को सुन्दर एवं सुव्यवस्थित बनाने के अभियान में लोगो को जुड़ना चाहिए।

प्रयागराज की धरती पर लगने वाला कुम्भ एक सामाजिक, आध्यामिक एवं सांस्कृतिक आयोजन है। इस आयोजन से सम्बन्धित योजनाओं  का आज शिलान्यास किया गया है। कुम्भ से सम्बन्धित योजनाओं को सम्बन्धित विभागो के द्वारा माह अक्टूबर 2018 तक पूरा किया जाना है।

उन्होने इस कार्य को करने वाले विभागो को बधाई के साथ शुभकामनाये भी दी। उन्होंने कहा कि कुम्भ का आयोजन सबके लिए एक भव्य आयोजन होगा। दुनिया के सामने उत्तर प्रदेश की एक नयी तस्वीर प्रस्तुत करने का कुम्भ आयोजन होगा। उन्होने कहा कि प्रयागवासियो के लिए अतिथियों की सेवा करने का सुनहरा अवसर है।

उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास आदि विभाग एक संयुक्त ताकत के रूप मे कुम्भ आयोजन की तैयारी कर रहा है जिसमें देश-विदेश से आने वाले करोड़ो श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओ एवं उनकी सुरक्षा सम्बन्धित व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने इस भव्य एवं दिव्य आयोजन मे लोगो का आवाहन किया और कहा कि अतिथि देवः भवः की परंपरा के अनुरूप आगन्तुको का स्वागत करे।

 मुख्यमंत्री  ने कहा  उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्या के नेतृत्व में लोक निर्माण विभाग प्रयाग राज की धरती के साथ पूरे उत्तर प्रदेश में उत्कृष्ट सड़को का निर्माण कर रहा है। उसी तरह नगर विकास मंत्री  सुरेश खन्ना के नेतृत्व में नगर विकास विभाग नगरीय क्षेत्रो में आधार भूत संरचना के निर्माण के साथ जनता की बुनियादी सुविधाओं को प्रदान करने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है।

उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि 99 शहरो को समार्ट सिटी के रूप मे चुना गया है जिसमें से उत्तर प्रदेश के 10 शहर सम्मलित है तथा इन 10 शहरो में प्रयागराज की यह धरती भी है। जिसमें कुम्भ का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज की धरती पर आयोजित माघ मेले में स्वास्थ्य मंत्री  सिद्धार्थनाथ  के नेतृत्व में कुम्भ के दृष्टिगत स्वास्थ्य एवं स्वच्छता सम्बन्धी सफल प्रयोग किया गया। जिससे माघ मेले के समाप्त होने पर मेले में किसी प्रकार की गन्दगी नही रही।

उन्होंने माघ मेले में की गयी स्वच्छता योजना के लिए  स्वास्थ्य मंत्री  सिद्धार्थनाथ सिंह एवं नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल, जिलाधिकारी  सुहास एल.वाई., मेलाधिकारी  विजय किरन आनन्द सहित इस अभियान में लगे अधिकारियो को बधाई दी और कहा कि इसी तरह आगामी कुम्भ में भी स्वच्छता एवं जन सुविधाओं को इसी प्राथमिकता मे बनाया रखा जायेगा।

उन्होंने कहा किकैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल नन्दी के नेतृत्व में प्रयागराज की धरती पर हवाई नेटवर्को को स्थापित करते हुए उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरो को जोड़ा जा रहा है। इसी तरह जलमार्ग से प्रयागराज को जोड़ने में मा. प्रधानमंत्री जी के सहयोग से तथा मा. सड़क एवं परिवहन मंत्री  नितिन गड़करी एवं उप मुख्यमंत्री  केशवप्रसाद  मौर्यो ने इस अभियान में जुड़कर कुम्भ के पहले जलमार्ग विकसित करने की योजना बनायी गयी है।

उन्होंने कहा कि कुम्भ आयोजन में आने के लिए जल मार्ग,. सड़क मार्ग एवं वायु मार्ग आने वाले श्रद्धालुओ के लिए होगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि कुम्भ आयोजन के समय 6 लाख से अधिक गांवो का प्रतिनिधित्व प्रयागराज की धरती पर होता हुआ दिखायी दे। कम से कम प्रत्येक गांव से चार श्रद्धालु इस आयोजन में आयेंगे तथा 192 देशो के लोगो का प्रतिनिधित्व इस कुम्भ के आयोजन में होगा।

उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के द्वारा विभिन्न कार्य किये जा रहे है। लगभग 35 करोड़ की लागत श्रृगंवेरपुर को विकसित कर पयर्टन के रूप मे स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन महोत्सव पर हर व्यक्ति एक वृक्ष लगाये तथा पंचवटी वाटिका. नवग्रह वाटिका तथा अन्य वाटिका के रूप में विकसित कर व्यापक पैमाने पर वृक्ष नदी के तट पर, नगरो में तथा रिक्त स्थानो पर लगाये जाये।

नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने वन विभाग के द्वारा आयोजित गंगा हरीतिमा अभियान की प्रशंसा व्यक्त की।  उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत वृक्षारोपण का जो कार्य किया जाये उसके लिए सम्बन्धित विभाग के अधिकारी बधाई के पात्र है।

उऩ्होंने कहा कि आगमी कुम्भ आयोजन के लिए विभिन्न योजनाओ का शुभारम्भ किया गया जिसे कुम्भ के पूर्व पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि कुम्भ आयोजन देश का ही नही बल्कि पूरे विश्व का आकर्षण का केन्द्र है। उन्होने कहा कि इस आयोजन में प्रयागवासियों को यहां आने वाले लोगो का स्वागत करने का अवसर मिलता है।

उन्होंने कहा कि कुम्भ में किये जाने वाले कार्यो को माघ मेले मे रिर्हसल के रूप में सफल प्रयोग किया गया है। नगर मे जनता से सम्बन्धित आधार भूत सुविधाये सुव्यवस्थित रहे यह हमारी प्राथमिकता मे है। आदर्श नगर पंचायत बनाकर वहां पर मूलभूत सुविधाये दी जा रही है तथा वेंडर्स पालसी भी लायी गयी है।

 कैबिनेट मंत्री  नन्द गोपाल गुप्ता नंदी  ने कहा कि सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाने का कार्य किया जाता है। सरकार अपनी योजनाओं का लाभ पात्र आदमी तक पहुंचे इसके लिए निरन्तर कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि विभिन्न योजनाओं का सरकार द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में गंगा हरीतिमा अभियान भी है।

 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, जल सम्पूर्ति, भूमि विकास एवं जल संसाधन, परती भूमि विकास, वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान, उद्यान एवं सहकारितता विभाग उपेन्द्र तिवारी ने कहा कि इस अभियान के तहत वृहत वृक्षारोपण का कार्य किया जायेगा। उन्होने लोगो से अपील की अपने घर पैदा होने वाले बच्चे पर एक वृक्ष लगाने का संकल्प लिया जाया। जिससे वृक्षारोपण का अभियान के संकल्प को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा आवासहिनो को आवास दिये गये है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानो का हितो का ध्यान रखते हुए किसानो के ऋण माफ किये।

 मंत्री, वन एवं पर्यावरण दारा सिंह चौहान  ने कहा कि गंगा हरीतिमा अभियान के तहत गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने का किया जायेगा। उन्होने कहा कि गंगा का विस्तार उत्तर प्रदेश में अधिक है। उन्होने कहा कि गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने तथा वन संरक्षण का संदेश दे रहे गुमनाम लोगो को मा. मुख्यमंत्री जी के द्वारा सम्मानित गंगा सेवक के रूप में सम्मानित किया गया है।

 मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर  गंगा हरीतिमा अभियान का शुभारम्भ दीप प्रजज्वलित कर किया। कार्यक्रम में गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने में अपना सहयोग प्रदान करने वाले लोगो को सम्मानित करते हुए उन्हें शाल, प्रशस्ति पत्र भेंट स्वरूप प्रदान किये गये। उन्होंने स्कूल चलो अभियान के तहत छात्रो को स्कूल बैग भी वितरित किये। गंगा की सेवा करने वाले प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से चयनित व्यक्तियों के उत्कृष्ट सेवा के लिए मुख्यमंत्री जी ने प्रशस्ति पत्र एवं शाल दिया और कहा कि गंगा की सेवा एक पुनीत कार्य है और इन वालियटर्स से लोगो  को प्रेरणा लेनी चाहिए।

ज्ञातव्य है कि गंगा के किनारे स्थित 11 मण्डलों के 27 जनपदों – बुलन्दशहर, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़,कासगंज, बिजनौर, सम्भल, अमरोहा, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई,रायबरेली, उन्नाव, फर्रूखाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, चन्दौली,इलाहाबाद, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, भदोही, मिर्जापुर,गाजीपुर, वाराणसी तथा बलिया के अन्तर्गत प्रदेश में गंगा हरीतिमा अभियान गंगा नदी के दोनों ओर तटीय क्षेत्रों में जन-जागरूकता, जन-सहभागिता तथा सरकारी विभागों के माध्यम से सघन वृक्षारोपण, स्वच्छता, मृदा एवं जल संरक्षण तथा प्रदूषण की रोकथाम की जा रही है।

गंगा हरीतिमा अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु वन एवं वन्य जीव विभाग तथा 12 अन्य राजकीय विभागों- पंचायती राज विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, संस्कृति, बेसिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग, महिला कल्याण विभाग,ग्राम्य विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, कृषि विभाग,उद्यान विभाग, सिंचाई विभाग तथा आयुष विभाग के दायित्व निर्धारित किए गए हैं।

गंगा हरीतिमा अभियान के सफल संचालन,मार्ग दर्शन, क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु विभिन्न समितियां गठित की गई हैं। अभियान का समग्र रूप से मार्गदर्शन करने तथा अभियान के कार्यों की समय पर समीक्षा व अनुश्रवण करने के लिये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शीर्ष स्तर समिति गठित की गई हैं। इस शीर्ष समिति में सम्बन्धित विभाग के माननीय मंत्रिगण एवं माननीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार सदस्य है।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उत्तर प्रदेश गंगा समिति के माध्यम से गंगा हरीतिमा अभियान का राज्य स्तरीय नियोजन एवं अनुश्रवण किया जा रहा है। विभिन्न जनपदों में सम्बन्धित जिलाधिकारियों की अघ्यक्षता में गठित जिला गंगा सुरक्षा समिति के माध्यम से गंगा हरीतिमा अभियान से सम्बन्धित समस्त गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

गंगा हरीतिमा अभियान से सम्बन्धित गतिविधियों का आयोजन किये जाने हेतु ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में गठित ग्राम गंगा सेवा समितियों के निर्देशन में किया जा रहा है। अभियान के अन्तर्गत गंगा नदी के जल ग्रहण क्षेत्र एवं गंगा नदी के दोनों ओर एक किलोमीटर की सीमा में वन, सामुदायिक, कृषि, सार्वजनिक एवं निजी आदि भूमि चिन्हित कर सम्बन्धित विभागों के माध्यम से वृक्षारोपण कराया जा रहा है।

गंगा नदी के तटीय क्षेत्रों में वानस्पतिक आच्छादन बढ़ाने एवं मृदाक्षरण को रोकने हेतु वृहद स्तर पर पौधरोपण किया जाये,गंगा नदी के दोनों ओर तटीय क्षेत्रों में एक कि0मी0 की चैड़ाई एवं आवश्यकतानुसार जनपद के अन्य क्षेत्रों में सघन रूप से स्वच्छता एवं साफ-सफाई सुनिश्चित होनी चाहिए, नदी का कटान रोकने हेतु मृदा एवं जल संरक्षण तथा लाभार्थीपरक योजनाओं से इन गांवों में समग्र विकास सुनिश्चित करने संबंधित कार्यवाही की जानी चाहिए, नदी की पारिस्थितिकी एवं जैव-विविधता में समृद्धि हेतु गतिविधियों का चिन्हांकन एवं उनके क्रियान्वयन में सरकारी विभागों एवं स्थानीय जन समुदाय की सहभागिता व जनजागरण होना चाहिए, पर्यावरण हितैषी एवं किसानों की आय में वृद्धि हेतु कृषि पद्धतियों/जैविक खेती को अपनाने हेतु जन-जागरण, नदी में प्रदूषण के विभिन्न कारकों की पहचान एवं उनकी रोकथाम हेतु उपाय व जन-जागरण, नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में जल संग्रहण हेतु उपाय एवं जन-जागरूकता, गंगा हरीतिमा अभियान को सफल बनाने के लिये 12 अन्य राजकीय विभागो का दायित्व होगा कि वे गंगा क्षेत्र में पड़ने वाले  समस्त ग्रामों में अपने विभागीय कार्यो का क्रियान्वयन इस प्रकार करे कि इन ग्रामों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। स्वयं सेवी संस्थाओं को भी कार्यक्रम में वृहद रूप से जोड़ा जा रहा है। “एक व्यक्ति एक वृक्ष“ योजना में रोपण करने हेतु कृषकों को प्रेरित किया जा रहा है तथा ऐसे कार्यक्रम में जुड़ने वाले निजी व्यक्तियों को “गंगा सेवक“ बैज, प्रमाण-पत्र, कैप वितरित किये जा रहे हैं। निजी संस्थाओं, संस्थानों को कार्यक्रम में जोड़ते हुए उनके माध्यम से भी वृक्षारोपण कराया जा रहा है। इस अभियान में किये गये वृक्षारोपणों से कार्बन आफ सेटिंग तथा सर्टीफाइड कार्बन एमीशन रेशियो प्राप्त किये जा रहे है। इस अभियान में ईको क्लब के माध्यम से विद्यार्थियों की भागीदारी प्राप्त की जा रही है। गंगा नदी के किनारे स्थित 27 जनपदों में निजी पौधषालाओं को वृक्षारोपण अभियान में वृहद रूप से जोड़ा जा रहा है।

 मुख्यमंत्री  द्वारा गंगा हरीतिमा अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रति समर्पित एवं गंगा नदी को स्वच्छ बनाने एवं वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन जागरूकता उत्पन्न करने में अभिनव प्रयास करने वाले 49 महानुभावों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा एक प्रगतिशील कृशक को भी पुरस्कृत किया गया।

      गंगा हरीतिमा अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर  मुख्यमंत्री  द्वारा विश्व प्रसिद्ध फोटो ग्राफर, फिल्म निर्माता एवं प्रदेश के इको टूरिज्म के ब्रान्ड एम्बेसडर माईक पाण्डे द्वारा तैयार किए गए गंगा चलचित्र का लोकार्पण किया गया। अल्प समय में तैयार किया गया यह 07 मिनट की अवधि का चलचित्र गंगा को स्वच्छ बनाने एवं तटों को हरा-भरा रखने का सशक्त संदेश देता है। फिल्म में राष्ट्रीय नदी गंगा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गई हैं एवं गंगा की निर्मलता व अविरलता बनाये रखने में निःस्वाथ्र्य भाव से योगदान देने वाले महानुभावों के कार्यों को दर्शाया गया है।

 मुख्यमंत्री  द्वारा उत्तर प्रदेष वन विभाग द्वारा प्रकाशित गंगा के किनारे की प्राचीन वनस्पतियां एवं डा0 महेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा लिखित राम वनगमन पथ की वनस्पतियां नामक पुस्तकों का विमोचन किया गया। गंगा के किनारे की प्राचीन वनस्पतियां नामक इस पुस्तक में गंगा के किनारे पाई जाने वाली 18 झाड़ी प्रजातियों, 16 शाक व घास प्रजातियांे एवं 71 वृक्ष प्रजातियों का सचित्र विवरण दिया गया है।

प्राचीन काल में गंगा के किनारे पाई जाने वाली रक्त चन्दन व चन्दन जैसी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रजातियां वर्तमान में न केवल गंगा तट से अपितु सम्पूर्ण उत्तर भारत से विलुप्त होकर मात्र दक्षिण भारत तक ही सीमित रह गई है। एक समय गंगा नदी के किनारे व भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ा कृष्णवट एवं तमाल व सुपारी जैसी प्रजातियां आज प्रदेश में दुर्लभ हो गई हंै। राम वनगमन पथ की वनस्पतियाँ नामक पुस्तक को सात खण्डो – अयोध्या से प्रयाग,प्रयाग से चित्रकूट, चित्रकूट से दण्डकारण्य, दण्डकारण्य से पंचवटी, पंचवटी से किश्किन्धा, किश्किन्धा से सेतुबन्ध एवं श्रीलंका में बांटा गया है। प्रत्येक खण्ड में उस क्षेत्र की तत्कालीन प्रजातियों का उल्लेख है।

 मुख्यमंत्री  द्वारा गंगा गीतों के संकलन का विमोचन किया गया है। इस संकलन में शकील कुरैशी,  सुजाय बनर्जी, श्रीमती मंजुला पन्त, आनन्द त्रिपाठी एवं सुश्री रंजना अग्रहरि द्वारा गाये गये गीतों को संकलित किया गया है।

आने वाले श्रद्धालुओ और पर्यटको को अतिथि के रूप मे लेते हुए उनकी सुविधाओ का रखा जाय ध्यान  :  मुख्यमंत्री

 मुख्यमंत्री ने की कुम्भ कार्यो की समीक्षा  ;  कुम्भ का आयोजन दिव्य एवं भव्य हो

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने सर्किट हाऊस के सभागार में कुम्भ 2019 के आयोजन की तैयारियो की समीक्षा की। जिसमें कुम्भ से सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे। उन्होंने कार्यो की समीक्षा पावर प्रेजेटेंशन के माध्यम से की।

बैठक मे बताया गया कि कुम्भ आयोजन के लिए 2000 करोड रूपये प्राविधानित कर 500 करोड़ रूपये विभागो को जारी कर दिये गये है। विभागो के द्वारा 220 से अधिक परियोजनायें क्रियान्वित की जा रही है। कार्यो की गुणव्ता एवं पारदर्शिता के लिए थर्ड पार्टी निरीक्षण की व्यवस्था की गयी है। सुगम यातायात के लिए पार्किंग स्थलों का विकास किया गया है। कुम्भ मेला में एलईडी लाइटो का उपयोग किया जायेगा। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, डिपो के सुद्ढीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। 192 देश के हेड आफ मिशन कुम्भ को देखने माह दिसम्बर 2018 में पधारने बाले है।

 मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा कि कुम्भ का आयोजन को दिव्य एवं भव्य बनाया जाय । उन्होने कहा कि पर्यटक, तीर्थयात्री और श्रद्धालु को अतिथि के रूप मे देखा जाय तथा उसी तरह व्यवहार उसके साथ किया जाय। उन्होने कहा कि प्रशासन के साथ इलाहाबादवासियों को भी तीर्थयात्रियों की सेवा का अवसर दिया जाय। साधु, संतो और अखाड़ो की समस्याओं को निरन्तर संवाद स्थापित कर दूर किया जाय।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ आयोजन मे आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाय। किसी भी साधु या अतिथि से दुर्रव्यवहार न किया जाय। उन्होने कहा कि कुम्भ की ब्राण्डिंग के लिए अभी से प्रारंभ कर दी जाय तथा रेलवे एवं बसो में कुम्भ के आकर्षक लोगो को लगाया जाय। उन्होने कहा कि आगामी 10 जनवरी से 04 मार्च के बीच देश के विभिन्न क्षेत्रो से सांस्कृतिक दलों को बुलाया जाय तथा पूरे कुम्भ क्षेत्र में उनका परर्फोरमेंस किया जाय।

उन्होने कहा कि वायु, जल एवं स्थल तीनो मार्गो से आने वालो लोगो की सुरक्षा और उनकी सुविधाओ का ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि कुम्भ के कार्यो को तीव्र गति से एवं तप्तरता से करे। कार्यो में धन की समस्या आड़े  नही आयेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के पौराणिक महत्व के साथ वैज्ञानिक महत्व के बारे में भी लोगो को बताया जाय। उन्होने कहा कि कुम्भ में हर वर्ग के लोग बिना किसी भेदभाव के यहां आते है अतः इसे राष्ट्रीय पर्व के रूप मे आयोजित किया जाय तथा इसी पर्व के अनुरूप ही कार्यो को किया जाय। उन्होने कहा कि कुम्भ कार्यो की समीक्षा प्रभारी मंत्री के द्वारा की जायेगी। उन्होने कहा कि कुम्भ के कार्यो को माघ मेला मे रिहर्सल के रूप मे किये गये थे उन्हे कुम्भ मेला आयोजन के समय पूरे मेला क्षेत्र मे लागू की जाय।

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