इलाहाबाद । मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रोफेसर एवम ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ पीयूष सक्सेना ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुये कहा कि ब्लडप्रेशर साइलेन्ट किलर है जिससे बचाव का एक मात्र तरीका अपनी जीवन शैली में बदलाव लाना है ।
उन्होंने कहा कि आज हमारी जीवन शैली ऐसी है कि हम लगातार तनाव में रहते है और यही तनाव हमारी सेहत एवम ह्रदय के लिए घातक है यह तनाव हमारा ब्लडप्रेशर बढ़ाता है जो मात्र हृदय रोग ही नहीं अन्य तमाम घातक रोगों को जन्म देता है और हमारी नेत्र ज्योति किडनी ह्रदय गुर्दे एवम मस्तिष्क को नष्ट करने से नुकसान पहुचने का काम करता है और सोने पर सोहागा तब होता है जब व्यकि शुगर पेशेंट हो साथ मे ब्लडप्रेशर बढ़ गया हो ये दोनों मिल कर एक और एक दो नही ग्यारह हो जाते है और तेजी से शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहुचते है इसी लिए ब्लडप्रेशर को हल्के में नही गंभीरता से लेना चाहिये ।
डॉ सक्सेना ने कहा कि आमतौर पर लोग ब्लड प्रेशर को बड़े हलके से लेते हैं इसे गंभीर बीमारी ना मानकर वह इसके बारे में ना डॉक्टर से संपर्क करते हैं ना ही उपचार करते हैं उच्च रक्तचाप आगे चलकर गंभीर हृदय रोग में परिवर्तित हो जाता है और इसका उपचार अत्यंत महंगा साबित होता है इसी को देखते हुए विश्व स्तर पर 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे के रूप में मनाया जाता है जिसका उद्देश्य लोगों को ब्लड प्रेशर के प्रति जागरुक करना है ।
उन्होंने कहा कि ब्लड प्रेशर रक्त धमनियों के अंदरूनी दीवारों पर रक्त द्वारा पड़ने वाले दबाव को कहते हैं या कार टायर पर हवा के दबाव की तरह होता है। रक्तचाप महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर के अंगों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के साथ ताजे रक्त की आपूर्ति के लिए रक्त को पूरे शरीर में भेजने का मुख्य साधन है।
उन्होंने बताया कि सामान्यतया रक्तचाप 120 / 80 माना जाता। ऊपरी दबाव 120 को सिस्टोलिक दाब कहा जाता है और नीचे 80 को डायस्टोलिक दाब कहा जाता है। उन्होंने बताया कि एक ही व्यक्ति के शरीर में रक्त चाप विभिन्न दैनिक गतिविधियों के समय बढ़ता घटता रहता है जैसे व्यायाम या मुद्रा बदलाव या बात करने से भी रक्तचाप में बदलाव होता है रक्तचाप रात के मुकाबले में दिन में और गर्मियों मुकाबले सर्दियों में ज्यादा रहता है।
डॉ सक्सेना ने कहा कि हाइपरटेंशन आज भारत की सबसे आम जीवन शैली संबंधी बीमारियों में से एक है और हम से मिलने वाला हर तीसरा व्यक्ति इस से पीड़ित रहता है। उन्होंने बताया कि उक्त रक्तचाप की बीमारी परिवारों में चलती है हाइपरटेंशन की बीमारी में रक्तचाप हमेशा सामान्य से ज्यादा 130/80 से ज्यादा रक्तचाप वाले व्यक्ति को हाइपरटेंशिव कहा जाता है।
हाइपरटेंशन अपने आप ठीक होने वाली बीमारी नहीं है रक्तचाप समय के साथ बढ़ता है और साथ ही साथ समस्याओं को और खतरनाक स्थिति की ओर ले जाता है तंबाकू सिगरेट और शराब यह तो रक्तचाप वाले व्यक्ति के लिए अत्यंत ही घातक होता है ।
डॉक्टर सक्सेना ने कहा कि उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति को खाने में नमक की मात्रा अत्यंत कम लेनी चाहिए साथ ही साथ शरीर के वजन को लगातार कम करने का प्रयास करना चाहिए । वजन कम होने से हाइपरटेंशिव व्यक्ति द्वारा ली जा रही दवाओं का असर ज्यादा असरकारक हो जाता है ।
डॉक्टर सक्सेना ने कहा कि भावनात्मक तनाव या चिंता स्थाई रूप से रक्तचाप बढ़ा सकती है समय निकालकर सोचे कि आपके तनाव के कारण क्या हैं जैसे काम परिवार आर्थिक समस्या या बीमारी अपने तनाव का कारण जानने एक बार सोचे कि आप तनाव को कैसे कम कर सकते हैं
उन्होंने कहा कि हाइपरटेंशन के मुख्य लक्षण हर समय थकान चक्कर आना सिर दर्द चिड़चिड़ापन इत्यादि होता है। उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन हृदय मस्तिष्क गुरुदेव आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को क्षति पहुंचा सकता है हाइपरटेंशन से SK मिक्स ह्रदय रोग लेफ्ट Waptrick तुला हाइपर ट्रॉफी हृदय गति रुकने जैसी समस्याएं हो सकती हैं । हाइपरटेंशन 606 की प्रक्रिया में योगदान द्वारा या रक्तवाहिनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचाकर उसके फटने का कारण बनकर स्ट्रोक का रूप ले सकता है हाइपरटेंशन गुर्दे की रक्तवाहिनियों और फिल्टर को नुकसान पहुंचा सकता है जिसके कारण गुर्दे सही तरीके से व्यर्थ पदार्थ को निकाल नहीं पाते हाइपरटेंशन रेटिना की सूची रक्तवाहिनियों को भी नुकसान पहुंचा सकता है ।
डॉ सक्सेना ने कहा कि उक्त रक्तचाप में अक्सर जीवनशैली में बदलाव और आवश्यकतानुसार दवाओं के उपचार का समावेश करना पड़ता है । उच्च रक्तचाप के लिए आहार में किए गए बदलाव में स्वस्थ आहार लेने का समावेश होता है जिसमें ज्यादा फल-सब्जियां वसा रहित प्रोटीन और साबुत अनाज कम नमक और वसा वाले आहार लेने से आप स्वस्थ रह सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि उक्त रक्तचाप के लिए जीवनशैली में किए गए बदलाव में वजन कम करने धूम्रपान छोड़ने नियमित एरोबिक व्यायाम करने तेज पैदल चलना और नींद की समस्या का उपचार करने का समावेश होता है सप्ताह के 5 दिन प्रतिदिन 30 मिनट का व्यायाम आप को स्वस्थ रख सकता है । आमतौर पर लोगों में यह धारणा होती है कि तेज दौड़ना स्वास्थ के लिए ज्यादा लाभदायक हो सकता है परंतु यह उन लोगों के लिए अत्यंत घातक साबित होगा जिनका वजन ज्यादा है इससे उनके घुटने खराब होने का खतरा मौजूद रहता है तेज रफ्तार में चलना सबसे बेहतर उपचार और व्यायाम साबित होता है इसके अलावा योगा करना उचित उच्च रक्तचाप में एक अत्यंत लाभदायक तरीका साबित हो रहा है योगा के अनेक आसन आपको उच्च रक्तचाप एवं शुगर की बीमारी से बचा सकते हैं और व्यक्ति बिना कहीं बाहर गए अपने को पूर्णतया स्वस्थ रख सकता है ।
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