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इलाहाबाद

अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद की 112 वीं जयन्ती मनाई गायी

इलाहाबाद । अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद एवं शहीद-ए-आजम भगत सिंह स्मारक समिति के तत्वाधान में शहीद चन्द्र शेखर आजाद  की 112वीं जयन्ती पर आज प्रातः 9.30 बजे नगर के गणमान्य नागरिकों ने उनका भावपूर्ण स्मरण किया।

प्रारम्भ में आजाद पार्क में प्रतिमा पर उपस्थित सभी नागरिको (अतिथियों सहित) ने माला-फूल चढ़ाकर नतमस्तक हुये। उपस्थित जन समुदाय ने अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद अमर रहें-शहीदों की क्रान्तिकारी परम्परा अमर रहे, वंदे मातरम् का गगन भेदी नारा लगाया गया।

तत्पश्चात् रैपिड एक्सन फोर्स व उ0प्र0 सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने 21 गन शाट फायर कर, सम्मान गारद द्वारा सलामी व पुलिस बैण्ड द्वारा राष्ट्र भक्ति ध्वनि बजाकर केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से अमर शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट किया गया। तत्पश्चात् बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत गायनकर, वादन, नृत्य व लघुनाटिका का मंचनकिया गया। जिसमें जी0जी0आई0सी0 कटरा व सिविल लाइन्स, जगत तारन, सेन्ट एंथोनी, एनी बेसन्ट, जी0आई0सी0, सी0ए0वी0, के0पी0 कालेज, सी0आई0सी0, एग्लोबंगाली, शान्ति निकेतन व नेशनल इंग्लिश स्कूल के बच्चो के कार्यक्रम को सराहा गया। साथ ही डा0 रंजना त्रिपाठी जनाब नजीब इलाहाबादी, सुश्री किरन जयहिन्द, सरदार विमल ‘तन्हा’, डा0 रश्मि शुक्ला, रेनू राज सिंह, आर0आर0 जायसवाल, सचिन साहू आदि ने काव्य पाठ व गीत सुनाये।

न्यायमूर्ति अशोक कुमार गुप्ता  बतौर मुख्य अतिथि उद्बोधन करते हुये कहा कि मैं अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद जी को नमन, चरणवंदन करता हूँ जो इसी स्थान पर पूरी तरह से ब्रिटिश पुलिस से घिरे थे अमर शहीद आजाद ऐसे भारतीय योद्धा, जो पूरी फौज से अकेले लड़ा और हारा नहीं। महाधन्य भूमि जहाँ शहादत होती है, वह मौत नही जहाँ इबादत होती है।

विशिष्ट अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक सत्यनारायण साबत ने कहा कि राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी जी तथा उनके त्याग बलिदान से ‘आजाद’ निस्संदेह बहुत प्रभावित थे। परन्तु गुरु गोविन्द सिंह, आयरलैण्ड की क्रान्ति का इतिहास उनके मष्तिक में स्थान बना चुका था। भारतीय क्रान्तिकारियों ने हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकशन आर्मी बनाया तथा अमर शहीद आजाद जी 19 वर्ष की उम्र में बने कमांडर इन चीफ मैं आजाद जी के बहादुरी व मेघा शक्ति को नमन करता हूँ।

अन्य विशिष्ट अतिथि अपर नगर आयुक्त व जिलाधिकारी की पत्नी ऋतु सुहास ने जयन्ती पर नमन करते हुये भावुक हुयी और बताया कि शहीद आजाद जी 27 फरवरी 1931 को मात्र 24 वर्ष की उम्र में अंग्रेज पुलिस की मुठभेड़ करते हुये कभी पकड़ मे न आने के अपने संकल्प को अपनी अंतिम गोली से पूरा किया। आजाद भारत की पुलिस द्वारा सशस्त्र सलामी महज प्रतीकात्मक सम्मान है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये राजू मरकरी जयन्ती पर नमन करते हुये कहा कि उन्होंने युद्धरत शहादत देकर आजाद जी अद्भुत साहस व अद्वितीय शौर्य की मिसाल देश के नवयुवकों के समक्ष रखी। समिति की ओर से प्रस्ताव रखा गया, नागरिक उड्डयन एयर पोर्ट इलाहाबाद का नाम सरकार शीघ्र अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद रक्खा जाय। सभी ने हाथ उठाकर सहमति प्रदान किया।

कार्यक्रम का संचालन महासचिव राज बहादुर गुप्ता ने किया व धन्यवाद प्रो0 श्याम बिहारी ने ज्ञापित किया। प्रमुख रूप से न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय, अनिल कुमार अन्नू, बादल चटर्जी आई0ए0एस0,अनुराधा सिंह, नाजिया नफीस, सुभाष पाण्डेय, सिद्ध नाथ पाण्डे, लक्ष्मी सिंह, राम नरेश त्रिपाठी, डी0के0 सिंह प्राचार्य जी0आई0सी0, डाॅ0 नरेन्द्र सिंह पूर्व मंत्री उ0प्र0, अमन सिंह, विशाल गुप्ता, अतुल राय, आनन्द घिड़ियाल, शिव सेवक सिंह, अमर जीत सिंह, श्रीमती नीमांशु यादव, अशोक सिंह, दिलीप चैरसिया (सभी पार्षद गण) डा0 भारती सिंह सेंगर, ज्योतसना सिंह, डा0 श्रद्धा मालवीय, सुलेखा साहू, रिनी येशु, खुशबू गुप्ता, बंदना सिंह, रेनू सिंह, ममता नैय्यर, साधना सिंह, यशी साहू, डा0 सीमा सिंह (उद्यान अधीक्षक), प्रो0 ओ0डी0 सिंह, भारत भूषण बाक्सर, सुधीर श्रीवास्तव, के0बी0 तिवारी,राजेश, विकास गुप्ता, बसन्त लाल आजाद, मुकुल जायसवाल, शैलेन्द्र अवस्थी, भगवत प्रसाद क्रान्तिकारी विगुलर, अमर वैश्य मुन्ना भैया, बाबा अभय अवस्थी, महेश त्रिपाठी, रोहित जायसवाल, देवी प्रसाद उप क्रीड़ा अधिकारी आदि उपस्थित थे।

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