इलाहाबाद । सावन का महीना 28 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस बार सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई को है।इस महीने लोग भोलेबाब को मनाने के लिए कई तरह के जतन करते हैं। कभी बेलपत्र अर्पित करते हैं तो कभी भांग। शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सावन सोमवार, सोलह सोमवार और सोम प्रदोष। *पंचांग के अनुसार इस बार सावन का महीना 30 दिनों का है जिसमें पांच सोमवार शामिल हैं।*
*28 July (Sat):* सावन मास का पहला दिन (First day of Shrawan)
*30 July (Mon):* सावन सोमवार व्रत (Sawan Somwar Vrat)
*06 August (Mon):* सावन सोमवार व्रत (Sawan Somwar Vrat)
*13 August (Mon):* सावन सोमवार व्रत (Sawan Somwar Vrat)
*20 August (Mon):* सावन सोमवार व्रत (Sawan Somwar Vrat)
*26 August (Sun):* सावन मास का आखिरी दिन (Last day of Shravana Month)
माना जाता है सावन महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शिव भक्तों के लिए सोमवार का अलग ही महत्व होता है। शिव को कई नामों से जाना जाता है लेकिन उनका एक नाम भोलेनाथ भी है। भोले नाथ बड़ी जल्दी अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। शिव को सबसे जल्दी क्रोध भी आता है इसलिए उनकी थोड़ी सी ही सही पर सच्चे मन से पूजा करनी चाहिए।
आज हम आपको एक शिव मंत्र बताने जा रहे हैं जो उनकी आरती या पूजा के बाद बोलने से आपको मिलने वाला फल कई गुना बढ़ जाता है। इसके प्रभाव से ग्रहदोष, दु:स्वप्न और रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
♥ *द:स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य,*
*दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।*
*उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति,*
*व्याधीश्चनाशयतुमे* *जगतातमीशः।।*
*#अर्थ :-*
संपूर्ण जगत के स्वामी भगवान शिव मेरे सभी बुरे सपनों, अपशकुन, दुर्गति, मन की बुरी भावनाएं, भुखमरी, बुरी लत, भय, चिंता और संताप, अशांति और उत्पात, ग्रह दोष और समस्त बीमारियों से रक्षा करे। यह भी पढ़े: चाणक्य नीति: जानिए कब पति बन जाता है अपनी पत्नी का सबसे बड़ा दुश्मन
शिव की अपने भक्तों पर हमेशा कृपा दृष्टि बनी रहती है। वे उन्हें सभी विपत्तियों से बचाते हैं। भगवान शिव का एक और महामंत्र है जिसे *#महामृत्युंजय_मंत्र* के नाम से जाना जाता है। इसका जप करने वाला व्यक्ति सभी सांसारिक दुखों से मुक्त हो जाता है और लोक-परलोक के बंधन से मुक्त हो जाता है।
♥ *ऊँ हौं जूं सः। ऊँ भूः भुव: स्वः ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।*
*उर्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। ऊँ स्वः भुवः भूः ऊँ। सः जूं हौं ऊँ।*
इसके अलावा शिव का *#पंचाक्षरी_मंत्र :-*
*ऊँ नम: शिवाय*
भी बहुत फलदायी है। अगर आपके पास कम समय है या आपको इन कठिन मंत्रों का जप करने में दिक्कत हो रही है तो आप इस *पंचाक्षरी मंत्र* का जप कर मनवांछित फल पा सकते हैं। ध्यान रखें शिव मंत्रों का जप कभी गलत न करें अन्यथा अर्थ का अनर्थ भी हो सकता है और इसका आपके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
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