लखनऊ । प्रो. राम गोपाल ने बताया कि कार्यकरिणी की बैठक में यह निर्णय भी किया गया है कि यदि चुनाव आयोग ने ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराने की बात न मानी तो दूसरे दलों से बातचीत कर आंदोलन किया जा सकता है। यह पूछे जाने पर कि आंदोलन का स्वरूप क्या होगा, उन्होंने कहा कि हम आयोग के दरवाजे पर बैठ जाएंगे। यदि आयोग ने मांग नहीं मानी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम गोली तो मार नहीं सकते, गांधीवादी लोग हैैं, उन्हीं की तर्ज पर विरोध जताएंगे।
बैठक में राज्यसभा सदस्य जया बच्चन, संजय सेठ, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा, महासचिव विशम्भर प्रसाद निषाद, बलराम यादव, इन्द्रजीत सरोज, रमाशंकर विद्यार्थी, अवधेश प्रसाद, समेत प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व फ्रंटल संगठनों के अध्यक्ष मौजूद रहे।
समय आने दीजिए, पीएम रोज आएंगे
एक सवाल कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश में कई बार आ चुके, प्रो. राम गोपाल ने तंज किया कि समय आने दीजिए, अभी वह रोज ही दौरे पर आएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सवाल पर कि गठबंधन का नेता कौन होगा, उनका कहना था कि गठबंधन से दलों का अस्तित्व खत्म नहीं हो जाता। उनके नेता बने रहते हैैं। केंद्र में 17 दलों की सरकार है तो क्या सबके नेता नरेंद्र मोदी हैैं।
शिवपाल को नहीं बुलाया, आजम नहीं आए
एक सवाल पर प्रो. राम गोपाल ने बताया कि बैठक में शिवपाल सिंह यादव को नहीं बुलाया गया था। वरिष्ठ नेता आजम खां की गैरहाजिरी पर उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि सभी लोग बैठक में मौजूद हों। 90 प्रतिशत सदस्य आए, पार्टी अध्यक्ष मौजूद रहे, इतना काफी है।
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