नई दिल्ली । भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शुक्रवार शाम पंचतत्व में विलीन हो गए। दिल्ली के स्मृति स्थल पर राष्ट्र ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। वाजपेयी द्वारा गोद ली गई बेटी नमिता ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां मौजूद सभी लोग हाथ जोड़े खड़े रहे। सभी की आंखों में आंसू थे।वाजपेयी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न किया गया।
नातिन निहारिका ने वाजपेयी के पार्थिव शरीर पर से तिरंगा ग्रहण किया। उस पल स्मृति स्थल पर मानों घड़ी की सुई कुछ देर के लिए थम गई, पूरा माहौल गमगीन था। बेटी, नातिन और परिवार के लोग ही नहीं स्मृति स्थल पर मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू थे। सियासत की दुनिया का उन्हें ‘अजातशत्रु’ कहा जाता था क्योंकि उन्होंने हमेशा दोस्त बनाए, दुश्मन उनका कोई नहीं था।
सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने दी सलामी
अंतिम संस्कार से पहले स्मृति स्थल पर सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सलामी दी। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं।
भूटान नरेश जिग्मे खेसर, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका के विदेश मंत्रियों समेत कई विदेशी नेताओं ने भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने दी अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि।
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर से तिरंगा लपेट कर उनके परिजनों को सौंपा गया।
स्मृति स्थल पर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते सेना प्रमुख विपिन रावत, नौसना प्रमुख ऐडमिरल सुनील लांबा, एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ।
अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार में शामिल होने स्मृति स्थल पहुंचे अरविंद केजरिवाल, गुलाम नवी अाजाद, अशोक गहलोत, राजबब्बर, डॉ रमन सिंह अादि।
मुलायम सिंह यादव ने भी भाजपा दफ्तर पहुंचकर अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पितकिया |
भाजपा दफ्तर के बाहर वाजपेयी के अंतिम दर्शन के लिए उमड़े हजारों की संख्या में लोग।
भाजपा मुख्यालय के बाहर अटल जी के अंतिम दर्शन के लिए लगी लोगों की लंबी लाइनें।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु ने वाजपेयी निवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
अलविदा अटल…किसने क्या कहां?
– अटल जी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा, ‘मैंने 6 साल तक उनके साथ काम किया। एक प्रधानमंत्री होने बावजूद वह काफी सरल थे, उन्होंने सभी के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया। उन्होंने एक बार कहा कि हम कश्मीर के संकट को संविधान की नहीं बल्कि मानवता की सीमाओं के भीतर हल करेंगे, इन शब्दों के साथ उन्होंने कश्मीरियों का दिल जीत लिया था।’
– सीपीआइ(एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘यह अटल जी की विशेषता थी कि उन्होंने कभी राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों के कारण मानवता को नुकसान नहीं पहुंचाया। आज देश में इस तरह के सिद्धांतों की जरूरत है।’
– भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त डोमिनिक आस्क्विथ ने कहा, ‘वह (अटल बिहारी वाजपेयी) एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति थे जिनके लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है और यह भारत के लिए एक बड़ा नुकसान है। मैं उनके जैसे बेहतरीन आदमी को अपना सम्मान देना चाहता था।’
– बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने कहा, ‘हम उन्हें बांग्लादेश की स्वतंत्रता में उनके योगदान और बांग्लादेश के लोगों के मजबूत समर्थन के लिए याद करते हैं। उन्हें बंगाली संगीत बहुत पसंद था। जब वह विदेश मंत्री बने तो मुझे दिल्ली में राजनयिक के रूप में सेवा करने का मौका मिला।’
– जाने-माने फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर ने कहा, ‘मैंने 2006 में एक बार उनसे (अटल बिहारी वाजपेयी) मुलाकात की थी। वह एक बहुत अच्छे वक्ता थे। भारतीय राजनीति में उनकी अनुपस्थिति को किसी और के द्वारा भरा नहीं जा सकता है, वह हर किसी के लिए एक रोल मॉडल रहे हैं और अपनी कविता, भाषण और व्याख्यान के माध्यम से कई लोगों को प्रेरित भी किया है।’
दुख की इस घड़ी में भारत के साथ मॉरीशस
इस दुख की घड़ी में भारत के साथ मॉरीशस खड़ा हुआ है। अटल जी के निधन के शोक से मॉरीशस भी आहत है। उसने भी भारत के साथ अटल जी के सम्मान में अपने राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया है। मॉरीशस सरकार ने निर्णय लिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन के चलते सरकारी भवनों पर लहराता भारत और मॉरीशस का राष्ट्रीय ध्वज पर आधा झुका रहेगा |
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