ताजा-खबरें
इलाहाबाद

निःस्वार्थ, तन, मन एवं सेवा भाव के साथ कुम्भ मेला सेवा मित्र बनकर करें कार्य : मण्डलायुक्त

मण्डलायुक्त ने किया कुम्भ सेवा मित्र का शुभारम्भ

कुम्भ मे आने वाले यात्रियों, श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों एवं अन्य कार्यो मे कुम्भ सेवा मित्र बनकर करें अपना सहयोग

मण्डलायुक्त ने कुम्भ सेवा मित्र के अर्थो का विस्तारपूर्वक किया विश्लेषण

इलाहाबाद । मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल  गोविंद बल्लभ पंत संस्थान झूंसी में आयोजित कुंभ सेवा मित्र कार्यक्रम में भाग लिया।

कुम्भ मेला सेवा मित्र शुभारम्भ देवो एवं संतो की वंदना संस्कृति के श्लोकों से करते हुए दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर एडीशनल एसपी कुम्भ मेला  ओ.पी. सिंह, एडीशनल मेला आफियर्स  भरत मिश्रा, एडीएम मेला  दयानन्द प्रसाद, गोविन्द बल्लभ पंत संस्थान के निदेशक  बद्रीनारायण तिवारी, संस्थान के छात्र एवं छात्रायें के साथ मेला से सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।

मण्डलायुक्त ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आगामी कुम्भ मेला के आयोजन के लिए विभिन्न तैयारियां की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन विश्व का सबसे बड़ा आयोजन होता है, इसमे विभिन्न देशों के लोग यहां आते है। उन्होने कहा कि मेला मे विभिन्न विभागों के द्वारा कार्य किया जा रहा है तथा उन्हें विभिन्न कार्यो को जिम्मेदारी दी गयी है। मेला में स्टैक होल्डर, अखाड़ा, साधु संत, कल्पवासी, संस्थान के लोग तथा कई वालिंयटर्स भी अपना सहयोग इस मेले मे करते रहते है।

उन्होंने कहा कि मेला कई लोग ऐसे होते है जो मेला मे अपनी क्षमता के अनुरूप अपनी सेवा मेला में देते रहते है, लेकिन हम उन्हे जान पाते है। ऐसे लोगों को एक पहचान देने के लिए कुम्भ सेवा मित्र लाया गया है। जो उन्हे एक पहचान देगा।

मण्डलायुक्त ने कहा कि ऐसे लोग जो तन मन और निःस्वार्थ भाव से मेला मे आने वाले लोगो की सेवा करना चाहते है वह कुम्भ सेवा मित्र बनकर सेवा कर सकते है। उन्होंने लोगो से आवाहन किया कि इस भव्य एवं दिव्य आयोजन में आने वालो लोगो की सेवा करने इच्छुक लोग इस कुम्भ सेवा मित्र बनकर आयोजन सहयोग करें। उन्होने इस बात पर सचेत करते हुए कहा कि सिर्फ कुम्भ सेवा मित्र बनने का ठप्पा लेने का प्रयास न किया जाय क्योंकि कुम्भ सेवा मित्र को आने वाले लोगो की सेवा और उनकी सुविधा के लिए निरन्तर तत्पर रहना होगा। इसलिए सेवा भाव वाले लोग ही कुम्भ सेवा मित्र बने और आयोजन मे हमारा सहयोग करें।

मण्डलायुक्त ने कुम्भ सेवा मित्र का कितना महत्व है तीन शब्दो के अर्थों के माध्यम से उपस्थित लोगों को समझाते हुए कहा कि कुम्भ को यूनेस्कों ने मान्यता दी है। यह विश्व का सबसे बड़ा आयोजन है। सेवा का मतलब स्वेच्छा से किया गया कार्य होता है, जिसमे निःस्वार्थ भाव होता है। मित्र का मतलब आयोजन में आने वालो लोगो से मित्रवत व्यवहार करना है। इस तरह कुम्भ सेवा मित्र का दायित्व महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा कि कुम्भ सेवा मित्र के लिए चुनने वालो लोगो को प्रशिक्षित किया जायेगा।

About the author

snilive

Add Comment

Click here to post a comment

Videos

Error type: "Forbidden". Error message: "Method doesn't allow unregistered callers (callers without established identity). Please use API Key or other form of API consumer identity to call this API." Domain: "global". Reason: "forbidden".

Did you added your own Google API key? Look at the help.

Check in YouTube if the id youtube belongs to a username. Check the FAQ of the plugin or send error messages to support.