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इलाहाबाद

इलाहाबाद । स्वास्थ्य मंत्री के मीडिया प्रभारी दिनेश तिवारी के अनुसार  विगत दिनों  इलाहाबाद शहर को प्रयाग के नाम पर बदलने के लिए भाजपा और हिंदू संतों के बढ़ते झगड़ो के बीच उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने कहा कि वह बदलाव के पक्ष में हैं  ।

श्री राम नाईक ने कहा की  इलाहाबाद शहर का नाम  प्रयाग के प्राचीन नाम में बदलना उचित हो, और इस समय पर कुंभ मेला 2019 कुछ महीने दूर हैं। राज्यपाल ने जोर  देकर कहा कि या शहर का नाम बदलने की राशि नहीं है बल्कि इसमें मूल नाम को बहाल करना है ।

श्री नाईक जी ने कहा प्रयाग का इतिहास है सचमुच हजारों साल पहले यदि आप संस्कृत साहित्य का उल्लेख करते हैं तो उस शहर का नाम (इलाहाबाद) प्रयाग है ,उन्होंने कहा कि मैं मूल नाम देने के पक्ष में हूं जिसके लिए यह शहर हजारों सालों से जाना जाता रहा है नामकरण नहीं कर रहा है।क्या शहर का नया नाम प्रयाग होगा या प्रयागराज पर बहस हो सकती है और बाद में चर्चा की जा सकती है ।श्री नाईक ने कहा कि कुंभ को व्यवस्थित करने के लिए स्थापित राज्य सरकार निकाय को पहले ही प्रयागराज मेला प्राधिकरण का नाम दिया गया है। यूपी के कुछ दिनों बाद इस मुद्दे पर राज्यपाल की प्रकिया मांगी गई थी।

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पत्र लिखा और अनुरोध किया कि इलाहाबाद का नाम प्रयाग में बदला जाए अपने पत्र में श्री सिंह जो इलाहाबाद के विधायक भी हैं ,ने प्राचीन हिंदू ग्रंथों में एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में प्रयाग के महत्व का हवाला दिया।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद काउंटिंग में 13 हिंदू आधारों के शीर्ष शासी निकाय जिनमें से सभी कुंभ के महत्वपूर्ण भाग हैं ने भी योगी आदित्यनाथ सरकार से नाम बदलने के लिए मांग कर रहे हैं ।

सूत्रों ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल जल्द ही बदलाव के लिए एक निर्णय पारित कर सकता है ।मेरा मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि श्री नाईक जी ने कहा कि राजस्व कोड का कहना है नाम बदलने का अधिकार राज्य के साथ रहता है। मैं मुख्यमंत्री से भी अनुरोध करूंगा कि मुझे यह भी लगता है कि यह समय है कि जब कुंभ मेला आ रहा है ,उन्होंने इस विचार को अलग कर दिया कि भाजपा सरकार एक मुस्लिम या मुगल विरासत के साथ स्थानों के नाम बदलकर हिंदुत्व एजेंडा लागू कर रही है ।उन्होंने कहा कि यह शहर के मूल नाम से जुड़े असीमित या गर्व के साथ करना था और बेंगलुरु बॉम्बे मद्रास और त्रिवेंद्रम के नामकरण के उदाहरणों का हवाला देते हुए जब यह इंगित किया गया कि जनसंघ के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बाद भाजपा सरकार ने वाराणसी के पास मुगलसराय स्टेशन का नाम बदल दिया गया है जिनके पास इस जगह से बहुत कम संबंध था सिवाय इनके की वह रहस्यमय परिस्थितियों में स्टेशन पर मारे गए थे।

श्री राम नाईक जी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय का शरीर मुगलसराय स्टेशन में पाया गया था।इस तरह के महान नेता के नाम स्टेशन का नामकरण किया जाना चाहिए।

 

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