अझुवा कस्बें के कई वार्डो व आस-पास केआधा दर्जन गांव में अवैध शराब पुलिस परमिट से बड़े पैमाने पर बनाई जा रही है। क्षेत्र ही नही वाह्यï जनपदों को भी भट्टïी संचालक अवैध शराब सप्लाई कर रहे है। शाम होते ही शराबियों का जमघट लग जाता है। इस सब बातों का जान कर भी चौकी पुलिस अनजान बनी हुई है जिससे कस्बे मे उसकी कार्य शैली चर्चा का विषय बनी हुई है।
उपजिलाधिकारी सिराथू ने आबकारी अधिकारियों के साथ शराब पड़े पैमाने पर बनायी जाने की खबर सुनकर कुछ समय पूर्व पहले छापामार कार्यवाही की थी, जिसमें ढाई सौ लीटर अवैध कच्ची शराब एक ही स्थान से बरामद हुयी थी। इस खबर को सुनकर अन्य शराब भ_ïी संचालक फरार हो गये और कुछ दिनों तक अपनी भ_ïी बंद रखी लेकिन अब फिर से भट्ठिया धधकने लगी है। सूत्रों के अनुसार अझुवा कस्बे के वार्ड नंबर 2 अ बेडकर नगर, वार्ड नंबर 3 शान्ति नगर, वार्ड नंबर 4 रसूलपुर मढिय़ामई, वार्ड नंबर 6 कृष्णा नगर तथा कस्बे के आस-पास के गांव जिसमें विशेषकर धुमाई, कनवार, कानेमई, टाण्डा सहित अन्य गांव में अवैध शराब का धंधा बेरोक-टोक जारी है। शाम होते ही नसेड़ी-पियक्कड़ भट्टिïयों पर मजमा लगा लेते है और वहां से पीकर लडख़ड़ाते कदमों से गाली-गलौज करते हुए चल पड़ते है। रास्ते में मिलने वाली किशोरियों व महिलाओं पर अश्लील फब्तियां कसते है, जिससे महिलायें मन मसोस कर रह जाती है। उनका विरोध इसलिए नही करती यह नसेड़ी-पियक्कड़ कहीं और बवाल न कर दे, जिससे उनकी बेइज्जती हो। सूत्र यह भी बताते है कि अवैध भट्टिïयों से बाकायदा सेल्समैन शाम को झोले में बोतल रखकर जनपद व वाह्यï जनपद के लिए ले जाते है। बताया जाता है कि अवैध शराब की मंडी बना अझुवा इस समय नशीली शराब के लिए जनपद में प्रसिद्घ हो रहा है। भट्टïी संचालक शराब को और अधिक नशीली बनाने के लिए यूरिया, नशीली गोलियां व हानिकारक पदार्थ का प्रयोग करते है कुल मिलाकर यह कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। सूत्र बताते है कि हर भट्टïी से उत्पादन के हिसाब से पुलिस क ो माहवारी दी जाती है। भट्टïी संचालक नाम न छापने की शर्त पर बताते है कि घर में बनाकर बेचने पर एक हजार रूपये, वाह्यï जनपद सप्लाई करने में तीन हजार रूपये महीने चौकी में बाक ायदा दिये जाते है। जब कभी पुलिस के उच्चाधिकारियों का दबाव अधिक बनता है तो छोटे-मोटे संचालकों को जो पैसा नही दे पाते पांच लीटर दारू के साथ उसका चालान करा दिया जाता है, जिससे पुलिस की खानापूर्ति भी हो जाती है। कस्बा व क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस जहरीली शराब से किसी दिन कई लोगों के प्रभावित होने की संभावना बलवती है। कस्बे के लोगों का कहना है कि अगर उच्चाधिकारी इसी तरह थोड़े-थोड़े दिनों बाद छापामारी करते रहें तो अवैध शराब की भ_ïी पर संचालन पर रोक लग जायेगी।
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