दीपावली के दूसरे दिन गाजे-बाजे के साथ स्थानीय चिन्हित विभिन्न तालाबों पर मूर्ति विसर्जन किया गया। इस दौरान बाजे की धुन पर श्रद्धालु खूब थिरके। सुबह से निकली लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को लोगों ने पूरे कस्बे व बाजार में पहले घुमाया, इसके बाद लगभग 4 बजे विसर्जन के लिए तालाबों पर ले गए। तालाबों में लोगों ने स्नान किया और देश व अपने लिए ईश्वर से कामना की।
दीपावली के अवसर पर स्थापित की गई लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति को विसर्जित करने केलिए कस्बे के तालाब पर भीड़ देखने को मिली। जिले के कोने-कोने से श्रद्धालुओं ने मूर्ति विसर्जन में हिस्सा लिया। पहले मूर्ति को पूरे कस्बे व बाजार में घुमाया गया। भक्ति गीतों पर श्रद्धालु खूब थिरके। साउंड का पटीशन का भी प्रोग्राम किया गया। मूर्तियों को मंझनपुर नगर पंचायत में घुमाया गया। अबीर व गुलाल उड़ाकर लोगों ने खुशी का इजहार किया। शाम तक श्रद्धालु ओसा के पास स्थित चिन्हित किये गये आदर्श तालाब पहुंचे, जहां मूर्ति विसर्जित करने के बाद लोगों ने स्नान किया और अपने-अपने घर लौट गये।
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