कुपोषण पर लगाम लगाने के लिए जिले में वजन दिवस का आयोजन किया गया था लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के तीन दिन से हड़ताल करने के कारण शासन की यह मंशा अधूरी रह गई। सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने के कारण वजन दिवस नहीं हुआ।
जिले में कुपोषण की स्थित बेहद गंभीर है। इससे निपटने के लिए शबरी संकल्प अभियान के तहत जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से वजन दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया था। योजना के तहत गांव के हर बच्चे का वजन किया जाना था। उससे कुपोषण की स्थिति का अंदाजा लग जाता। यह कार्यक्रम 24 से 27 अक्टूबर तक चलाने की योजना थी, जिले के किसी भी केंद्र में वजन दिवस कार्यक्रम नहीं हो सका। ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपनी मांगों को लेकर जिले की सभी हड़ताल पर होने के कारण जिले के 1750 आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला बंद रहा। सभी कार्यकर्ता मंझनपुर ब्लाक परिसर में प्रदर्शन कर रहे थे। सेक्टर प्रभारी बनाएं गए मंझनपुर पीएचसी प्रभारी डा. अरुण पटेल ने बताया कि वजन दिवस कार्यक्रम के प्रथम चरण में नेवादा, मंझनपुर, मूरतगंज, कड़ा, सरॉयअकिल, करारी, अझुवा, व भरवारी में वजन दिवस होना था। दूसरे चरण में सिराथू, चायल, सरसवां, नगर पंचायत सिराथू व चायल क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यक्रम का संचालन होना है। प्रथम चरण के कार्यक्रम आंगनबाड़ी के हड़ताल के चलते सफ ल नहीं हो पाया। करारी में एक दो केंद्रों के खुले होने की जानकारी मिली है लेकिन यहां किसी के वजन किए जाने की रिपोर्ट नहीं आई।
प्रदेश सरकार पर वादा खिलाफ ी का आरोप लगाते हुए आंगनबाड़ी संघ का धरना प्रदर्शन चौथे दिन भी मंझनपुर ब्लाक परिसर में जारी रहा। जिलाध्यक्ष माया सिंह ने कहा कि चिकित्सा अवकाश, इलाज भत्ता व बच्चों को दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं के साथ ही 15 हजार व सहायिका को 10 हजार रुपये की मानदेय दिया जाए। संजना दीक्षित, मंजू यादव, शीला, सुषमा सिंह, रेनू प्रजापति, सुशीला, विजय लक्ष्मी, महरोज फ ात्मा, निशार बेगम, मधू पांडेय सहित काफी सं या में ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियां मौजूद रही।
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