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सालाना डेढ़ करोड़ के टर्नओवर वाले व्यापारियों को तीन महीने में भरना होगा जीएसटीआर-1

गुवाहाटी  । जीएसटीएन पोर्टल में तकनीकी खामियों के चलते कारोबारियों को आ रही दिक्कतों को देखते हुए जीएसटी काउंसिल ने रिटर्न फाइलिंग के नियमों में बड़ी छूट दी है। जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर डेढ़ करोड़ रुपये से कम है, उन्हें जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 फाइल करने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे व्यापारी मार्च, 2018 तक हर तिमाही में सिर्फ एक बार जीएसटीआर-1 के रूप में अपना रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। साथ ही सभी कारोबारियों को जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल करने की सुविधा अगले साल मार्च तक मिलती रहेगी। फिलहाल यह सुविधा सिर्फ दिसंबर तक ही थी।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को यहां हुई 23वीं बैठक में ये फैसले लिए गए। बैठक के बाद वित्त सचिव हसमुख अढिया ने कहा कि जो व्यापारी निल कारोबार का रिटर्न दाखिल करते हैं, उनके लिए रिटर्न के फॉर्म को और आसान बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि करीब 30 से 40 फीसद व्यापारी निल रिटर्न दाखिल करते हैं। रिटर्न फाइलिंग के नियमों में ढील देने संबंधी जीएसटी काउंसिल के फैसले की जानकारी देते हुए अढिया ने कहा कि जीएसटीआर-3बी भरने की सुविधा मार्च, 2018 तक जारी रहेगी। व्यापारी किसी भी माह का जीएसटीआर-3बी अगले माह की 20 तारीख तक भर सकेंगे।

साथ ही जिन व्यापारियों का टर्नओवर डेढ़ करोड़ रुपये सालाना से कम है, वे तीन माह में सिर्फ एक बार जीएसटीआर-1 ही जमा कर सकेंगे। उन्हें जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 भरने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे व्यापारी जुलाई और सितंबर तक की तिमाही के लिए जीएसटीआर-1 को 31 दिसंबर तक, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 15 फरवरी, 2018 तक और जनवरी-मार्च के लिए 30 अप्रैल, 2018 तक जमा कर सकेंगे। वहीं डेढ़ करोड़ रुपये से ऊपर टर्नओवर वाले व्यामपारियों को हर माह जीएसटीआर-1 फाइल करना होगा। उन्हें भी यह सुविधा मार्च 2018 तक मिलेगी।

जुलाई से लेकर मार्च, 2018 के लिए जीएसटीआर-2 और जीएसटी-3 कब तक भरे जाएंगे, इसकी समयावधि जीएसटी काउंसिल की अधिकारियों की समिति तय करेगी। हालांकि इस अवधि में व्यापारी जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 भरे बगैर ही जीएसटीआर-1 भरते रहेंगे।
अब फॉर्म ट्रांस-1 में संशोधन की सुविधा

जीएसटी पोर्टल पर अब कारोबारियों को फॉर्म-1 को संशोधित करने की सुविधा प्रदान कर दी है। जीएसटी पोर्टल पर अब वे कारोबारी अपने फॉर्म-1 में बदलाव कर सकेंगे, जिन्होंने नौ नवंबर से पहले इसे भर चुके हैं। जीएसटीएन ने कहा है कि जीएसटी पोर्टल पर फॉर्म में संशोधन की सुविधा शुक्रवार से उपलब्ध करा दी गई है। जीएसटीएन ट्रांस-1 फॉर्म उन कारोबारियों को भरना है, जो जीएसटी कानून के तहत पंजीकृत हैं और इसके लागू होने से पहले भी कर का भुगतान कर रहे थे। लेकिन अब स्वीकृत ड्यूटी की इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करना चाहते हैं। जीएसटी कॉमन पोर्टल पर अगस्त, 2017 में इसकी जानकारी भरने के लिए यह सुविधा दी गई थी। बाद में 15 सितंबर 2017 को एक अधिसूचना के जरिये सरकार ने पहले से भरे फॉर्म में जीएसटी ट्रांस-1 घोषणा के जरिये एक बार संशोधन की अनुमति दी थी।

जीएसटीएन के एक बयान के मुताबिक ट्रांस-1 की घोषणा को संशोधित करने की सुविधा को उन करदाताओं के लिए सक्षम कर दिया गया है, जो पहले से टैक्स का भुगतान कर चुके हैं। यह संशोधन पूर्व में किए गए मूल क्रेडिट की तुलना में कम या ज्यादा हो सकता है। यदि यह संशोधन पूर्व में किए गए क्रेडिट दावे को कम करने का है और करदाता के क्रेडिट खाते में पर्याप्त शेष है तो ही करदाता इसे फाइल कर सकेगा।

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