कानपुर । निकाय चुनाव से सत्ता में वापसी का हौसला जुटा रही सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा के लिए कई सवाल खड़े किए हैं। नोटबंदी और जीएसटी की मुश्किलों का जिक्र करते हुए चुनौती दी है कि अब सरकार ही बता दे कि नोटबंदी करने से क्या फायदे हुए।
सोमवार को निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए सपा मुखिया ने छावनी क्षेत्र स्थित क्लब में प्रेसवार्ता की। कानपुर से कारोबार का रिश्ता जोड़ते हुए वह अपनी बात पर आए। बोले कि अर्थव्यवस्था की मौजूदा तकलीफों को राजनेता समझें या न समझें लेकिन, व्यापारी-उद्यमी समझ रहे हैं। जीएसटी ऐसे लागू कर दी कि न अधिकारी समझ पा रहे हैं और ना ही लागू करने वाली पार्टी।
निर्यातक उलझन में काम नहीं कर पा रहे। उन्होंने सवाल उठाया-क्या नोटबंदी के बाद फिर पुरानी चीजें बाजार में नहीं आ गईं। हम पहले ही कह रहे थे कि धन काला नहीं होता लेनदेन, काला होता है। क्या नए नोटों से यह काला लेनदेन नहीं होगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर जो चल लेगा, वह सपा को ही वोट देगा। हमने तो बहुत से वे काम भी कर दिए, जिनकी घोषणा नहीं की थी।
भाजपा पहला घोषणा पत्र भूल गई, दूसरे पर काम शुरू नहीं कर पाई और अब निकाय चुनाव में तीसरा छल का घोषणा पत्र दे दिया। जनता ने चित्रकूट में झूठ पकड़ लिया, गुजरात में पकड़ लिया और फिर उप्र की जनता तो बहुत समझदार है।
रावण किसको बोले अखिलेश?
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बिना कुछ स्पष्ट किए कहा कि रामायण में रावण ने वेश बदलकर ही सब किया, ये सब जानते हैं। भीष्म पितामह का वध भी शिखंडी की आड़ लेकर किया गया।
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