नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर सिर्फ मंदिर बनेगा। वहां कुछ और नहीं बनेगा। शुक्रवार को कर्नाटक के उडुपी में विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद में भागवत ने कहा कि राम मंदिर उन्हीं पत्थरों से बनेगा और उन्हीं की अगुआई में बनेगा, जो इसका झंडा लेकर पिछले 25 वर्षो से चल रहे हैं। लेकिन, राम मंदिर बनने से पहले लोगों में जागरूकता बहुत जरूरी है। हम मंजिल के बेहद करीब हैं और इस वक्त हमें और ज्यादा सचेत रहना है।
भागवत ने कहा कि हम राम जन्मभूमि पर ही मंदिर का निर्माण करेंगे। यह लोकलुभावन घोषणा नहीं है। हमारी आस्था का विषय है। यह नहीं बदलेगा। राम जन्मभूमि स्थल पर कोई दूसरा ढांचा नहीं बनाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में पांच दिसंबर से अयोध्या मामले पर आखिरी सुनवाई होने जा रही है। उससे पहले भागवत के इस बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
इस धर्म संसद में देशभर से दो हजार संत, मठाधीश और विहिप नेता जाति और लैंगिक असमानता से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करने के लिए जमा हुए हैं। तीन दिन के इस कार्यक्रम में धर्मातरण पर रोक और गोरक्षा जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा हिंदू समाज के भीतर आपसी सद्भाव बढ़ाने का उपाय भी खोजा जाएगा।
भागवत के बयान पर ओवैसी ने जताया विरोध
राम मंदिर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध जताया है। असदुद्दीन ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह साफ संदेश देता है कि आरएसएस खुद को सुप्रीम कोर्ट समझ रहा है। यह काफी संवेदनशील मामला है और आरएसएस इस मुद्दे पर आग से खेल रहा है। ओवैसी ने कहा कि मुझे उम्मीद है सुप्रीम कोर्ट आरएसएस के इस बयान पर संज्ञान लेगा।
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