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अखिलेश ने खुद को अच्छा बेटा और अच्छा मुख्य्मंत्री साबित किया : मुलायम

लखनऊ । समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का आज 79वां जन्मदिन है। उनको बधाई देने के लिये अखिलेश यादव अपनी पूरी टीम को लेकर पहुंचे हैं जबकि उनके भाई शिवपाल यादव का कहीं अता पता नहीं है। इसके बाद मुलायम ने इशारों-इशारों में अखिलेश की रणनीति पर सवाल भी उठाए और साथ ही सपा के परंपरागत वोट बैंक पर निशाना भी साधा।

मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश को आशीर्वाद देते है और देते भी रहेंगे। बेटा पहले है और नेता बाद में।अखिलेश अच्छा लड़का भी है और अच्छा मुख्यमंत्री भी रहा। मुलायम ने कहा कि आज समाजवादी पार्टी हमारे बनाये बनाये हुए पद चिन्हों पर चल रही है। भाषा के नाम पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। हिन्दू-मुस्लिम के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए। महिला पुरुष में भी भेदभाव नहीं करना चाहिए। हम सरकार में रहे तो कोशिश की समता व संपन्नता बनी रहे।

मुलायम सिंह यादव ने कहा कि सबसे ज्यादा अत्याचार महिलाओं पर हो रहा है। महिला मां और बहन के बराबर है, ये समाजवादियों को सीखना चाहिए। आज भी 35 फीसदी लोगों को दोनों टाइम भोजन नही मिलता।आज भी 65 प्रतिशत लोग अपने हाथों से खेती करते हैं। जब तक किसान सम्पन्न नहीं होता देश संपन्न नहीं हो सकता।

मुलायम ने कहा कि बीजेपी ने लोगों से झूठ बोला। कितने लोगों को 15 लाख रुपए मिले? मैं जब रक्षा मंत्री था तो सबसे बड़ा बजट लाया था। बीजेपी एक साथ 15 लाख रुपए नहीं दे सकती तो कम से कम किश्तों में 3-3 लाख रुपए करके पांच साल में दे। ऐसा करके वह अपने वादे को पूरा कर सकते हैं। मुलायम ने कहा कि इसीलिए मैं कहता हूं कि राजनेताओं को वह बोलना चाहिए जो वह वास्तव में कर सकें। इसके बाद यूपी विधानसभा चुनाव में सपा के प्रदर्शन पर मुलायम का दर्द छलक पड़ा। समाजवादी सरकार में हमने दवाई व पढ़ाई मुफ्त की थी। समाजवादी जो बोलते हैं, वो करते हैं। कथनी करनी में अंतर नहीं करते अखिलेश ने सीएम बनते ही पूरा काम किया। लेकिन जो लोग अपना बूथ हार गए, उन्हें पार्टी में बड़ा पद मिल गया। सपा नेता के परिवार के घर में 51 वोट थे और सपा को मिला 12 वोट। इतना काम किया अखिलेश ने लेकिन इसके बाद भी सीटें कितनी 47। जो गांव तक में चुनाव हारा, अखिलेश यादव ने उन्हें बड़े-बड़े पद दिए।

मुलायम ने कहा कि एक पोलिंग पर हमारा अखिलेश से झगड़ा हो रहा है। हमने कहा कि 9 वोट मिला।अखिलेश कह रहे हैं 12 मिला। मान लीजिए 12 मिला, जो महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं उनके परिवार ने एक वोट नहीं दिया। परिवार में 51 वोट हैं लेकिन मिला 12 कैसे हुआ देखना होगा।जब अयोध्या में गोली चली तो 20 मरे, 80 घायल हुए। आडवाणी ने कहा कि 56 मरे। हमने कहां अटल जो अगर सूची दे दें तो हम पैर पकड़ कर माफ़ी मांगेंगे। लेकिन 6 माह बाद पता चला 28 मरे हैं। देश की एकता के लिए अगर ज़्यादा मारना पड़ता तो मारते। अगर मस्जिद नहीं बचाते तो आज बता रहा हूं मुस्लिम नौजवानों ने हथियार ले लिया था कि जब मस्जिद ही नहीं रहेगी तो क्या फायदा।

मुलायम ने कहा कि आमतौर पर मुसलमान समाजवादी पार्टी के साथ है लेकिन आप वोट नहीं डलवा पर रहे हैं। मेहनत कीजिए समाजवादियों ने अनेकों की मदद की है, जहां मुसीबत हो वहां जाना चाहिए।उन्होंने काह ​कि सरकार में जो कुछ हुआ, हम आज बुरा भला नहीं कहेंगे। लेकिन अखिलेश की मेहनत बेकार गई कितने शर्म की बात है। सरकार की इमेज खराब थी, जब अयोध्या में गोली चली। लेकिन बाई इलेक्शन हुआ तब भी हम 105 सीट जीते थे।पूरे देश समेत मुज़फ्फरनगर में क्या हालत थी, जब मस्जिद गिरी। पता कर लीजिएगा हमें शर्म है कि 47 सीट जीते हैं। यह सब चिल्लाते रहे कि हिंदुओं का हत्यारा आ गया। तब भी सपा 105 सीट जीत गए थी।

मुलायम सिंह के जन्म दिन पर शिवपाल हर साल सबसे पहले उनको बधाई देने पहुंचते थे लेकिन इस बार दोपहर के 12 तक शिवपाल नहीं पहुंचे थे। पता चला कि शिवपाल इटावा में हैं। माना जा रहा है कि ऐसा पहली बार है, जब मुलायम के जन्मदिवस पर शिवपाल उनके करीब नहीं हैं। हालांकि शिवपाल ने इसके बाद ट्वीट कर मुलायम को बधाई जरूर दी।

आज समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन पार्टी कार्यालय पर मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के लिए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव मंच पर मौजूद हैं। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और मुलायम के बेटे अखिलेश मुलायम का आशीर्वाद लिया और उनको लंबी आयु के लिये शुभकामना दी। बतात चलें कि पार्टी कार्यालय पर अखिलेश की तरफ से ख़ास तरह का कार्यक्रम रखा गया है। मुलायम सिंह यादव के मंच पर पहुँचते ही सभी नेताओं ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। मुलायम सिंह मंच पर पहुंचे तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

कार्यक्रम में अखिलेश और मुलायम ने 79 किलो का केक भी काटा। मुलायम ने पुत्र अखिलेश को केक ​खिलाया। इसके बाद किरणमय नन्दा को भी उन्होंने केक खिलाया। वैसे 2016 के बाद ये पहला मौका है, जब एक ही मंच को मुलायम और अखिलेश ने साझा किया। इसके बाद मुलायम सिंह यादव को शाल उढ़ाकर अखिलेश ने उनका सम्मान किया। इस दौरान मुलायम के साथ सपा एमएलसी आशु मलिक और सपा छोड़ चुके नारद राय, सांसद धर्मेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी, राम आसरे विश्वकर्मा, अरविंद सिंह गोप, एसआरएस यादव, सुनील सिंह साजन, आशु मलिक, आनंद भदौरिया सहित तमाम नेता उपस्थित रहे।

बताते चलें कि 79 साल पहले आज ही के दिन साल 1939 में उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में मुलायम सिंह यादव का जन्म हुआ था। उनका परिवार पहले बेशक राजनीति राजनीति से न जु़ड़ा हो। लेकिन आज उनके परिवार के कण-कण में राजनीति बसती है। देश में उनके परिवार से बड़ा राजनीतिक परिवार शायद ही हो।

भाई, भतीजा, बेटा और बहु हर कोई ब्लॉक और पंचायत स्तर से लेकर संसद तक प्रतिनिधित्व कर रहा है। आज मुलायम जहां खड़े हैं बेशक वो पायदान राजनीति में काफी ऊंचा है लेकिन उनकी उड़ान ज़मीन से शुरू हुई थी। जो काफी विस्तारित दिखाई देती है। नज़र डालिए उनके निजी से राजनीति जीवन पर एक नज़र।

पहलवानी से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर 
22 नवंबर 1939 को मुलायम सिंह एक साधारण परिवार में जन्मे। उन्होंने अपने शैक्षणिक जीवन में बीए बीटी और राजनीति शास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की। उनकी पूरी पढ़ाई केके कॉलेज इटावा, एक.के कॉलेज शिकोहाबाद और बीआर कॉलेज आगरा यूनिवर्सिटी से पूरी हुई।मालती देवी से शादी के बाद साल 1973 में मुलायम सिंह के घर उनके इकलौते बेटे अखिलेश यादव ने जन्म लिया। लेकिन तब तक वो राजनीति की दुनिया में अपने कदम जोरदार तरीके से जमा चुके थे।

 

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