एक शोध के अनुसार लंबी पूंछ वाले मकाऊ कुछ चीजों में हाइजीन को लेकर कई इंसानों से ज्यादा बेहतर साबित हुए हैं।
भोजन को खाने योग्य बनाते हैं
कोयंबटूर के ओरिथोलॉजी और प्राकृतिक इतिहास के लिए सालीम अली केंद्र द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार भारतीय आईलैंड ग्रेट निकोबार में पाये जाने वाले लंबी पूंछ वाले मकाऊ काफी सामाजिक होते हैं। वे अपने भोजन को साफ करके और छील कर खाने का प्रयास करते हैं। जैसे वो ज्यादातर नारियल खाते है और उसे इंसानों की तरह छील कर खाना पसंद करते हैं। वे उसके छिलके पत्तों और घास से रगड़ कर साफ करते हैं, अगर नारियल सख्त है तो वे उसे चट्टानों पर पटक छिलका हटा कर खाते देखे गए हैं।
खाना प्रोसेस करते हैं
ये मकाऊ ज्यादातर रेशों और कांटेदार खाद्य खाना पसंद करते हैं। इनको खाने से पहले वे अच्छी तरह धोते हैं या फिर पत्तें में लपेट कर अच्छी तरह साफ करते हैं। इसके बाद ही उन्हें खाते हैं।
छिपे हुए कीटों को ढूंढते हैं
इन मकाऊ को कीट खाना भी पसंद है और उन्हें भी वे बेहद होशियारी से तलाशते हैं। इसके लिए वे झाड़ियों को पीटते दिखाई पड़ते हैं और फिर उसमे से उड़ कर निकलने वाले या गिरने वाले कीट उठा कर खा लेते हैं।
दातों की सफाई
इतना ही नहीं ये मकाऊ अपने दांतों को भी साफ करते देखे जाते हैं। इसके लिए वे घास के तिनकों, नारियल के धागों, पेड़ की पत्ततियों के तिनको और यहां तक कि अगर उपलब्ध हो जाये तो नायलॉन के तार से दांतों के बीच फसे खाद्य को निकाल कर साफ करते हैं।
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