इलाहाबाद 19 दिसंबर | उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के नए निदेशक इंद्रजीत सिंह ग्रोवर ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि कला और कलाकारों का सम्मान मेरी प्राथमिकता होगी ।
उन्होंने कहा कि मैं स्वयं एक कलाकार रहा हूं मैं टीचर था मैं आर्टिस्ट हूं और एक कलाकार किस प्रकार से सम्मान चाहता है और उसे समाज में खासकर सरकारी तंत्र में जिस तरीके से सम्मान प्राप्त नहीं होता वह पीड़ा मैंने स्वयं भुगती है इसलिए मैं अपने कार्यकाल के दौरान कला और कलाकारों को ऐसा सम्मान देना चाहता हूं कि वह एक नजीर बन जाए , उन्होंने कहा की जो व्यक्ति कला और कलाकार का सम्मान नहीं कर सकता उसे सरकारी तंत्र में रहने और सरकारी वेतन लेने का अधिकार नहीं होना चाहिए ।
श्री ग्रोवर उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र इलाहाबाद के निदेशक बनने के पूर्व दिल्ली नगर पालिका परिषद में शिक्षा उपनिदेशक के पद पर कार्यरत थे विगत कुछ वर्षों से नई दिल्ली नगरपालिका परिषद में बतौर शिक्षा उपनिदेशक के साथ ही श्री ग्रोवर को कार्यक्रम आयोजन का करीब 3 दशकों से ज्यादा का अनुभव है ।
उन्होंने कहा कि लगभग 10 वर्ष पूर्व लोग मुझसे कहा करते थे तुम कहां शिक्षा विभाग में पड़े हो तुम्हें तो एन सी जेड सी सी इलाहाबाद में होना चाहिए तुम कलाकार हो और कला ही तुम्हारा जीवन है तुम्हे तो कलाकारों के साथ ही होना चाहिए ।। इस वक्त से मेरे मन में यह विचार जरूर था कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में मुझे अवश्य होना चाहिए कुछ नहीं तो कम से कम प्रोग्राम ऑफिसर तो बन ही जाऊं जिससे मैं कला और कलाकारों के साथ जीवन जी सको ।
उन्होंने कहा कि कला और कलाकार एवं कलम का संगम होना चाहिए और जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि सबका साथ और सबका विकास होना चाहिए उसी तर्ज पर यहां केंद्र के परिप्रेक्ष में मैं विकास और कलाकार का साथ निश्चित करना चाहता हूं । साथ ही केंद्र के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का साथ होना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि यहां जब से मैं आया हूं मैंने अपने सहयोगियों को स्पष्ट रुप से बता दिया है कि यहां रिश्तेदारी भाई-भतीजावाद का स्थान नहीं होना चाहिए कलाकारों के साथ न्याय होना चाहिए और रोटेशन के अनुसार आर्टिस्टों को प्रोग्राम दें । उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता है कि प्रोग्राम को बढ़ाया जाए और ज्यादा से ज्यादा प्रोग्राम हो ज्यादा से ज्यादा कलाओं लोक नृत्य लोक गायन को प्राथमिकता दी जा सके ।
उन्होंने कहा कि मैं स्वयं एक अध्यापक रहा हूं इसलिए मेरा सर्वप्रथम प्रयास होगा कि इलाहाबाद के तमाम स्कूल कॉलेज के बच्चों को इन कलाओं के साथ जोड़ सकूं स्कूल-कॉलेजों में लोक कलाओं का प्रदर्शन करके बच्चों को यह ज्ञान दिया जाए कि यह लोक कलाएं हमारे समाज की भारतीय संस्कृत की कितनी बड़ी विरासत है उनके प्रति उनका ज्ञानवर्धन किया जाए क्योंकि आने वाले समय में यही युवा पीढ़ी उस को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी ।
एक प्रश्न के जवाब में श्री ग्रोवर ने बताया कि आने वाले जनवरी माह में माघ मेला इलाहाबाद में आयोजित होने जा रहा है जहां उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र का बड़ा कार्यक्रम होगा और मेरा यह प्रयास होगा कि लोक कलाओं के कलाकारों के साथ प्रतिदिन किसी लेजेंडरी आर्टिस्ट का प्रोग्राम भी यहां आयोजित हो सके जिससे इलाहाबाद के नागरिकों को उत्कृष्ट कार्यक्रम और कला का आनंद प्राप्त हो सके ।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र के प्रेक्षागृह एवं महात्मा गांधी कला वीथिका को नए कलेवर में विकसित करने का मायने तत्काल निर्देश दे दिया गया है कलाकारों को ना केवल एक भव्य मंच मिले बल्कि केंद्र की सांस्कृतिक छवि की भी झलक स्पष्ट नजर आए। पत्रकार वार्ता के दौरान प्रोग्राम ऑफिसर कल्पना सहाय स्वप्निल शर्मा,आशीष श्रीवास्तव एवं दिल्ली से आए प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव अजय गुप्ता भी उपस्थित थे |
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