लखनऊ । विधान परिषद में चौथे दिन मंगलवार को विपक्षी दल सपा व बसपा ने सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा। दोनों दल सदन की कार्यवाही रोक कर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। सरकार ने इस मसले पर मजबूती से अपना बचाव किया। हालांकि सरकार की दलीलों से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने बाद में सदन का बहिर्गमन किया।
सपा ने यह मसला प्रश्नकाल के बाद कार्यस्थगन प्रस्ताव के रूप में उठाया। सपा सदस्य महफूज खां ने कहा कि प्रदेश में हत्या, राहजनी, बैंक लूट की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। राजधानी लखनऊ में 17 दिसंबर को विधान भवन से 100 मीटर की दूरी पर भाजपा के पूर्व विधायक के बेटे की सरेआम हत्या हो जाती है। गोंडा में इलाहाबाद बैंक शाखा में गार्ड की हत्या कर 50 लाख रुपये लूट लिए जाते हैं। बसपा के सुनील कुमार चित्तौड़ ने कहा कि इस सरकार से कानून व्यवस्था संभल नहीं रहा है, लेकिन विरोध न हो इसके लिए यूपीकोका जैसा कानून लाया जा रहा है। जनप्रतिनिधि यदि सड़क पर उतरते हैं तो उनके खिलाफ भी इसमें कार्रवाई की जा सकेगी।
भाजपा पहले की सरकारों को गुंडों की सरकार कहती थी लेकिन, अब तो बुद्धिजीवी व साधु-संतों की सरकार है। फिर क्यों बैंक लूट व हत्याएं हो रही हैं। सपा सदस्य आनंद भदौरिया ने कहा कि पिछले दो-तीन माह में अपराध का ग्राफ चरम पर पहुंच गया है। 26 प्रतिशत हत्याएं अधिक हुई हैं, जबकि डकैती की 30 प्रतिशत घटनाएं बढ़ी हैं। सपा के नरेश उत्तम ने कहा कि सदन में सरकार गलतबयानी करती है, जबकि न तो बैंक सुरक्षित हैं न जनता और न ही पत्रकार। बांदा में पुलिस चौकी लूट ली जाती है।
नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जनता का पूरा इकबाल इस सरकार पर है। यदि ऐसा नहीं होता तो हम एक के बाद एक चुनाव न जीतते। उन्होंने बताया कि गोंडा, लखनऊ व इलाहाबाद के जिन अपराधों का जिक्र किया गया है सभी में कार्रवाई चल रही है। कई जगह अपराधी पकड़े भी जा चुके हैं। आंकड़े यह बताते हैं प्रदेश में अपराध कम हुए हैं इसके बावजूद विपक्ष गलतबयानी कर रहा है। नेता सदन के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन का बहिर्गमन किया।
यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में गड़बड़ी के विपक्ष के आरोपों को संज्ञान में लेते हुए प्रदेश सरकार ने उन जिलों की जांच कराने का निर्णय लिया जिनके खिलाफ शिकायतें आईं हैं। विधान परिषद में नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने यह आश्वासन सदन को दिया। उन्होंने कहा, सदन के सदस्यों ने जिन जिलों केंद्र निर्धारण में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया है उन सभी की जांच अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा से कराई जाएगी। दरअसल, सपा सदस्यों ने डीआइओएस पर पैसे लेकर परीक्षा केंद्र बनाने के आरोप लगाए थे।
इस विषय पर सपा चर्चा कराने की मांग कर रही थी। सपा सदस्य रामसुंदर दास व संजय कुमार मिश्र ने कहा शिक्षा माफिया वित्त विहीन कॉलेजों के प्रबंधकों को कहा जाता है जबकि असली माफिया तो डीआइओएस हैं। प्रदेश में पैसे लेकर परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। मानक पूरे न करने वाले स्कूलों को केंद्र बना दिया। अहमद हसन ने भी इस मसले की जांच कराने की मांग की। इस पर नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि स्कूलों में नकल के रेट तय होते हैं।
इसे बंद करने के लिए नियमावली बनाई गई। डीएम की अध्यक्षता में बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए कमेटी बनाई गई। यदि डीएम, एडीएम, एसडीएम व डीआइओएस सभी गलत हैं तो फिर व्यवस्था कौन चलाएगा। सदस्यों ने जिन जिलों बिजनौर, गोंडा, आजमगढ़, बस्ती, प्रतापगढ़, गाजीपुर, मऊ, देवरिया, गोरखपुर, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, जौनपुर, सुलतानपुर, संतकबीरनगर, हरदोई आदि की सूचनाएं दी गई हैं उनकी जांच कराई जाएगी। सरकार नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए कृत संकल्प है।
विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने सपा सदस्य संजय मिश्र पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि तुम ही इस मसले पर सबसे ज्यादा चिल्ला रहे हो इसका मतलब तुम्ही सही नहीं हो। जब नेता सदन कह रहे हैं कि जितनी भी शिकायतें हैं सभी की जांच करा लेंगे फिर क्यों चिल्ला रहे हो। दरअसल, नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि बोर्ड परीक्षा केंद्र के निर्धारण में जो शिकायतें हैं उनकी जांच करा ली जाएगी। इसके बावजूद संजय मिश्र अपनी सीट पर खड़े होकर वाद-प्रतिवाद करते रहे। इसी पर सभापति ने यह टिप्पणी की।
कांग्रेस ने मंगलवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुद्दा उठाया। कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह व दिनेश सिंह ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर सरकार ने लाठियां चलाईं। इन पर गंभीर धाराओं में मुकदमें तक दर्ज कर दिए। इस पर नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार इनके मुद्दों को हल करने के लिए गंभीर है। एपीसी की अध्यक्षता में कमेटी बनी है। दो राउंड की वार्ता भी हो चुकी है। पुलिस ने इनके प्रदर्शन पर कार्रवाई तब की जब इन्होंने सड़क जाम कर दिया। इससे स्कूली बच्चों के साथ ही एंबुलेंस में मरीज फंस गए थे।
निर्दलीय समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल व चेत नारायण सिंह ने बलिया के सहायता प्राप्त शिक्षक व कर्मचारियों को जीपीएफ भुगतान न होने की जानकारी दी। इसमें शिक्षक दल के धु्रव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि जीपीएफ घोटाले के कारण बहुत सारे शिक्षकों का जीपीएफ भुगतान नहीं हो रहा है। इसमें सरकार को विशेष अनुदान देना होगा तभी समस्या का समाधान होगा। नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि यह प्रकरण काफी पुराना है इसलिए इसमें निदेशक से आख्या मांगी गई है। आख्या आने के बाद इसमें कार्यवाही की जाएगी। वहीं, शिक्षक दल ने सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूल के वर्ष 2016 के बाद रिटायर शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग द्वारा संस्तुत पुनरीक्षित पेंशन दिए जाने का मुद्दा उठाया। इस पर भी नेता सदन ने निदेशक बेसिक से आख्या आने के बाद कार्यवाही की बात कही।
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