नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्योगों (एमएसएमई) के वर्गीकरण के लिए नए मानदंडों को अनुमति दे दी है। अब उद्योग इकाइयों का वर्गीकरण प्लांट व मशीनरी में निवेश के बजाय उनके कारोबार पर आधारित होगा।
नए वर्गीकरण के अनुसार पांच करोड़ रुपये तक कारोबार वाली इकाइयां माइक्रो यानी सूक्ष्म इकाई मानी जाएगी। पांच करोड़ से 75 करोड़ रुपये तक कारोबार वाली इकाई लघु उद्योग मानी जाएगी। 75 करोड़ से 250 करोड़ कारोबार वाली इकाई मझोली मानी जाएगी।
सरकार का कहना है कि इससे कारोबार करने में आसानी होगी। नया वर्गीकरण विकास को बढ़ावा देने वाला है। यह वर्गीकरण जीएसटी को ध्यान में रखकर तय किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला किया गया है। इस फैसले के अनुसार माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज डवलपमेंट एक्ट 2006 के सेक्शन सात में भी बदलाव किया जाएगा।
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