नई दिल्ली । पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से पूरा देश गमगीन है। दशकों तक वाजपेयी के साथ रहे संघ के समय के साथी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें याद करते हुए अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है।
उन्होंने एक बयान जारी करते हुए अपने मित्र के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। आपको बता दें कि सियासी हलकों में वाजपेयी और आडवाणी की जोड़ी को कुछ लोग ‘राम-लखन’ की जोड़ी भी कहते थे।
आडवाणी ने कहा, ‘आज मेरे पास अपने दुख को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। भारत के सबसे बड़े राजनेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी को हमने खो दिया है। मेरे लिए, अटलजी एक वरिष्ठ साथी से भी बढ़कर थे- वास्तव में वह 65 साल से भी ज्यादा समय तक मेरे सबसे करीबी मित्र रहे।’
पूर्व उपप्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘मैंने उनके (वाजपेयी) साथ लंबे जुड़ाव की यादें संजोकर रखी हैं- RSS के प्रचारक के तौर पर हमारे दिनों से, भारतीय जन संघ की स्थापना, आपातकाल के दौरान हमारा संघर्ष, आगे जनता पार्टी का बनना और बाद में 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना तक।’
उन्होंने कहा कि अटलजी पहली बार केंद्र में गठबंधन की स्थिर और गैरकांग्रेसी सरकार देनेवाले नेता के तौर पर याद किए जाएंगे और उस समय 6 वर्षों तक मुझे उनके डेप्युटी के तौर पर काम करने का मौका मिला। आडवाणी ने कहा, ‘मेरे सीनियर के तौर पर उन्होंने हमेशा हरसंभव तरीके से मुझे प्रोत्साहित और गाइड किया।’
आडवाणी ने कहा कि उनकी नेतृत्व क्षमता, भाषण देने की कला, देशभक्ति का जज्बा और सबसे बढ़कर उनके मानवीय गुण जैसे करुणा, नम्रता और विचारधारा को लेकर मतभेदों के बावजूद प्रतिद्वंद्वियों को जीतने की उनकी शानदार क्षमता का मेरे सार्वजनिक जीवन में गहरा प्रभाव पड़ा। आखिर में उन्होंने कहा, ‘मुझे अटलजी बहुत याद आएंगे।’
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