नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। गुरुवार शाम को अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि स्वर और शब्द देनेवाले, देश के भविष्य को दिशा देनेवाले हम सभी के प्रेरणास्रोत अब नहीं रहे।
पीएम ने कहा कि अटलजी के रूप में भारतवर्ष ने आज अपना ‘अनमोल, अटल रत्न’ खो दिया है। उनका विराट व्यक्तित्व और उनके जाने का दुख दोनों ही शब्दों के दायरे से परे है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उनका निधन संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। मेरे लिए अटलजी का जाना पितातुल्य संरक्षक का साया सिर से उठने जैसा है।’
मोदी ने कहा कि वह एक जननायक, प्रखर वक्ता, ओजस्वी कवि, पत्रकार, प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय व्यक्तित्व के धनी थे और सबसे बढ़कर मां भारती के सच्चे सपूत थे। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है। पीएम ने कहा कि वाजपेयी ने उन्हें संगठन और शासन दोनों का महत्व समझाया। दोनों में काम करने की शक्ति और सहारा दिया।
उन्होंने बताया, ‘वह (वाजपेयी) जब भी मिलते थे, पिता की तरह खुश होकर आत्मीयता के साथ गले लगाते थे। मेरे लिए उनका जाना एक ऐसी कमी है जो कभी भर नहीं पाएगी। अटलजी ने अपने कुशल नेतृत्व और संघर्ष के द्वारा जनसंघ से लेकर बीजेपी को मजबूती से खड़ा किया। उन्होंने बीजेपी के विचारों और नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। उनके परिश्रम का ही परिणाम है कि आज बीजेपी यहां तक पहुंची है।’
पीएम ने कहा कि अटलजी भले ही हमें छोड़कर चिरनिद्रा में लीन हो गए हों लेकिन उनकी वाणी, उनका जीवन, दर्शन हम सभी भारतवासियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। उनका ओजस्वी, तेजस्वी और यशस्वी व्यक्तित्व सदा देश के लोगों का मार्गदर्शन करता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘मेरी संवेदना उनके परिवार और समस्त देशवासियों के साथ है। इस दुख की घड़ी में मैं अटलजी के चरणों में आदरपूर्वक अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’
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