इलाहाबाद । कुम्भ नगरी इलाहाबाद जहां आस्था का प्रतीक माना जाता है वहीँ मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के नृत्य बेली डांस में अल्लापुर मुहल्ले की रहने वाली एक साधारण परिवार की लड़की कुमारी श्रद्धा कुशवाहा ने काफी नाम कमाया है। बेली डांस में माहिर श्रद्धा ने अब तक कई धमाकेदार प्रदर्शन करके वॉलीवुड में भी अपनी जगह बना ली है |
बेली डांसर श्रद्धा वालीवुड में जल्द जाने को बेताब है और उनकी मंशा है कि वो एक अच्छी कोरियोग्राफर बने। श्रद्धा भारत की मशहूर बेली डांसर महर मालिक की फैन है और उन्हें अपना प्रेणास्रोत मानती है। बीएससी और एमबीए कर श्रद्धा ने इलाहाबाद में बेली डांस की शुरुआत 16 अगस्त 2012 से की और देखते देखते अब तक सैकड़ों लड़कियां इस नृत्य में महारत हासिल कर चुकी है।
वे बताती है कि बेली डांस सीखने के लिए उनका कोई गुरु नही है। उनका शौक इस कदर परवान चढ़ा कि वो यूट्यूब से डांस देखकर बेली डांस सीखी। उसके बाद इलाहाबाद में बेली डांस की डिमांड इस तरह बढ़ी कि श्रद्धा डांस अकेडमी खोलनी पड़ी। श्रद्धा अब इस अरबी डांस को छोटे छोटे बच्चों को सीख रही है। बच्चे अपने प्रदर्शन से इलाहाबाद में नाम कर रहे है और जल्द ही वे बड़े प्लेटफार्म पर नजर आयेंगे।
श्रद्धा को 2013 में प्राइम चैनेल प्रतियोगिता में कोरियोग्राफर का एवार्ड मिल चुका है । श्रद्धा आरडीएक्स नाम से एक डांस ग्रुप भी तैयार किया है। श्रद्धा की अकेडमी में संगीत और कोरियोग्राफर की दुनिया की मशहूर गीता माँ, गणेश आचार्य और मोक्षिता जैसी हस्तिया बच्चों के डांस की जज भी बन चुकी है।
श्रद्धा बताती हैं कि बेली डांस परंपरागत मध्य पूर्वी नृत्य विशेषकर रक्स शर्की (अरबी) का एक पष्चिम में गढ़ा हुआ नाम है। पश्चिम में इसे कभी कभी मध्य पूर्वी नृत्य या अरबी नृत्य भी कहा जाता है। श्रद्धा बताती है कि बेली डांस में शरीर का हर हिस्सा हरकत करता है। इसमें कूल्हे का उपयोग आम तौर पर सबसे अधिक किया जाता है।
वे कहती है कि इलाहाबाद में बेली डांस को बढ़ावा देना चाहती है ताकि लोग इस डांस के बारे में जानें। इसके अलावा श्रद्धा हिप हॉप डांस में मशहूर डांसर मैंट स्टेफिना को फॉलो करती है। श्रद्धा डांस के माध्यम से चैरिटी करने के लिए रुद्रा वेलफेयर सोसाइटी चलाती है। वो इस एनजीओ के माध्यम से गरीबो की मदद करना चाहती है।
Add Comment